एयर इंडिया के खिलाफ तीन महीने में एक हजार शिकायतें मिलीं

विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 14 जून को कहा था कि वैध टिकट (Valid ticket) रखने वाले यात्रियों को बोर्डिंग से इनकार करने और उसके बाद उन्हें अनिवार्य मुआवजा नहीं देने के लिए उसने एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.

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नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वी के सिंह (VK singh) ने कहा कि पिछले तीन महीनों के दौरान एयर इंडिया (Air India) के खिलाफ विभिन्न मुद्दों से संबंधित लगभग 1,000 यात्री शिकायतें प्राप्त हुई हैं जिनमें किराए की वापसी, उड़ानों की ओवरबुकिंग (overbooking) और कर्मचारियों के व्यवहार संबंधी शिकायतें शामिल हैं.

पिछले साल 8 अक्टूबर को एयरलाइन के लिए बोली जीतने के बाद टाटा समूह ने 27 जनवरी को एयर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था.

सिंह ने राज्यसभा में पूछे गये एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘नागरिक उड्डयन मंत्रालय को एयर इंडिया सहित हवाई परिवहन से संबंधित विभिन्न मुद्दों जैसे कि किराए की वापसी, उड़ान के मुद्दों, कर्मचारियों के व्यवहार, सामान के मुद्दों, अधिक बुकिंग आदि से संबंधित शिकायतें मिल रही हैं.’उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों के दौरान एयर इंडिया के खिलाफ ऐसी करीब 1,000 शिकायतें मिली हैं.

विमानन नियामक नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने 14 जून को कहा था कि वैध टिकट रखने वाले यात्रियों को बोर्डिंग से इनकार करने और उसके बाद उन्हें अनिवार्य मुआवजा नहीं देने के लिए उसने एयर इंडिया पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.

डीजीसीए ने मई में कहा था कि विमानन कंपनी समय पर हवाई अड्डे पर रिपोर्ट करने के बाद भी यात्रियों को बोर्डिंग से इनकार करने के ‘अनुचित व्यवहार’ में लिप्त हैं. नियामक ने दो मई को भेजे एक ई-मेल में सभी भारतीय विमानन कंपनियों को बोर्डिंग से इनकार किए जाने से प्रभावित होने वाले यात्रियों को मुआवजा और सुविधाएं देने के लिए कहा था. नियामक ने कहा कि ऐसा नहीं करने पर उन पर वित्तीय दंड लगाया जाएगा.

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