सिंगापुर में भारतीय मूल के एक वरिष्ठ मंत्री थर्मन शनमुगरत्नम ने इस साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने के अपने इरादे की बृहस्पतिवार को घोषणा की.
थर्मन ने 22 साल बाद सक्रिय राजनीति से अलग हटने का फैसला किया. उन्होंने यह भी कहा कि वह सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) से इस्तीफा देना चाहते हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री ली ह्सियन लूंग को सक्रिय राजनीति से दूर होने और सरकार में अपने सभी पदों को छोड़ने और राष्ट्रपति चुनाव में लड़ने के बारे में सूचित किया.
सिंगापुर में राष्ट्रपति चुनाव 13 सितंबर तक कराया जाना अनिर्वाय है. थर्मन (66) पहली बार 2001 में ‘जुरोंग ग्रुप रिप्रेजेंटेटिव कांस्टीट्यूएंसी’ (जुरोंग जीआरसी) में संसद सदस्य चुने गए थे. थर्मन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपने निर्णयों की जानकारी दी है. ‘चैनल न्यूज एशिया’ ने थर्मन के हवाले से अपनी खबर में कहा कि वह सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण (एमएएस) के अध्यक्ष, जीआईसी के उपाध्यक्ष, आर्थिक विकास बोर्ड की अंतरराष्ट्रीय सलाहकार परिषद के अध्यक्ष और अन्य जिम्मेदारियों को छोड़ देंगे.
उन्होंने अपने पत्र में कहा, ‘‘यह एक कठिन निर्णय रहा है.” उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने परिवार से विचार-विमर्श किया, और आगामी वर्षों में देश की सेवा कैसे कर सकता हूं, इस पर गंभीरता से सोचा.” थर्मन को लिखे अपने पत्र में, प्रधानमंत्री ली ने कहा कि वह उनके (थर्मन) फैसले को समझते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि थर्मन अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा के साथ निभायेंगे.
उप प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और शिक्षा मंत्री के रूप में कई वर्षों तक सेवा देने के बाद, थर्मन मई 2019 से वरिष्ठ मंत्री थे. वह सामाजिक नीतियों के समन्वय मंत्री थे और आर्थिक नीतियों पर प्रधानमंत्री को सलाह भी देते थे. वैश्विक मंच पर, थर्मन वैश्विक वित्तीय शासन पर जी20 प्रतिष्ठित व्यक्तियों के समूह के अध्यक्ष हैं. वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा और वित्तीय समिति के पहले एशियाई अध्यक्ष भी थे. राष्ट्रपति हलीमा याकूब ने 29 मई को घोषणा की थी कि वह राष्ट्रपति के रूप में दूसरा कार्यकाल नहीं चाहती हैं. याकूब (68) देश की आठवीं राष्ट्रपति और पहली महिला राष्ट्रपति हैं। उनका छह साल का कार्यकाल इस साल 13 सितंबर को खत्म होगा.