झांसी अग्निकांड की वजह आई सामने…जिंदा जले 10 बच्चे, छह की शिनाख्त; चार का होगा डीएनए

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महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में बने एनआईसीयू में शुक्रवार रात लगी भीषण आग कई परिवारों को भयंकर दर्द दे गई। जिस समय आग लगनी शुरू हुई पूरे वॉर्ड में ऑक्सीजन ऑन थी। ऑक्सीजन ने तुरंत आग पकड़ी और एक के बाद एक कई धमाके हुए। आग फैलती गई।

लपटों को देखकर चारों ओर चीख-पुकार मची थी। जिसे जो समझ आ रहा था, राहत के लिए करने में जुट गया। कोई बच्चों को बाहर निकाल रहा था तो कोई वॉर्ड में और अंदर जाने की कोशिश में जुटा था।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि आग लगते ही एक वॉर्ड ब्यॉय ने अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) को खोलकर चलाया, लेकिन वह नाकाफी था। स्टाफ और परिजन तुरंत आग पर काबू पाने के प्रयास के साथ ही वहां भर्ती बच्चों को बचाने में जुट गए। सभी ने मिलकर रेस्क्यू किया और 39 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
10 की मौत, 6 की शिनाख्त

मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू वॉर्ड में लगी आग में 10 नवजात की जान चली गई। इनमें अभी तक 6 बच्चों की शिनाख्त कर ली गई है, जबकि 4 की शिनाख्त नहीं हो सकी है। 16 बच्चों का इलाज मेडिकल कॉलेज में, 4 बच्चों का इलाज वात्सल्य हॉस्पिटल में, 3 बच्चे मातृत्व में और एक-एक बच्चे का इलाज जिला अस्पताल व मऊरानीपुर स्वास्थ्य केन्द्र में कराया जा रहा है। इसके अलावा 4 बच्चे अपने परिजनों के साथ घर चले गए हैं।

बच्चाें की शिनाख्त के लिए कराएंगे डीएनए टेस्ट
डिप्टी सीएम के अनुसार जिन बच्चों की शिनाख्त नहीं हो सकेगी, उनके डीएनए टेस्ट कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ परिजनों से सम्पर्क नहीं हो रहा है। उनके मोबाइल फोन बंद हैं। इसलिए स्थानीय स्तर पर उनके घर भेजकर बच्चों के बारे में जानकारी की जा रही है। वहीं मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य ने बताया कि जिन बच्चों को आग से बाहर निकाला गया है। वह सभी पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनका उपचार किया जा रहा है। वह आग से नहीं झुलसे, बल्कि किसी अन्य बीमारियों से पीड़ित थे।
दो बच्चों के नहीं मिल रहे माता-पिता

मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में लगी आग से जीवित निकाले गए 2 मासूमों के माता-पिता नहीं मिल रहे हैं। उनकी तलाश की जा रही है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन व अन्य सोर्स उनके अभिभावकों को तलाशने में जुटे हैं।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा, सरकार परिवारों के साथ

डिप्टी सीएम ने कहा कि हर हाल में घटना के कारणों को तथ्यात्मक रूप से सामने लाया जाएगा। किन कारणों से और कैसे घटना हुई, किसकी लापरवाही रही। यह सारी बातें सामने लाई जाएंगी। मृत व घायल बच्चों के परिजनों के साथ पूरी सरकार खड़ी है। निर्देशित किया गया है कि सभी घायलों को गुणवत्ता युक्त स्वास्थ्य व चिकित्सीय सेवाएं दी जाएं।

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सभी कारणाें को लाएंगे सामने
ब्रजेश पाठक ने कहा, कि जैसे ही उन्हें जानकारी मिली वह जिला व मेडिकल कॉलेज प्रशासन के संपर्क में हैं। उन्होंने बताया कि उनके साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रमुख सचिव भी आए हैं। घटना के हर पहलू का पता लगाया जाएगा। हर स्थिति में घटना के कारणों साफ किया जाएगा। यदि लापरवाही है तो और यदि दुर्घटना है तो, सारे कारणों को सामने लाया जाएगा। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों, स्टाफ व पैरा मेडिकल कॉलेज स्टाफ की बहादुरी को सराहते हुए कहा कि सभी ने आग से घिरे मेहनत कर बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला।

तीन कमेटियां करेंगी जांच

शनिवार को तड़के मेडिकल कॉलेज पहुंचे प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना की जानकारी ली। मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि इस मामले की जांच के लिए तीन कमेटी बनाई गई हैं।
पहली जांच शासन स्तर पर स्वास्थ्य विभाग करेगा। इसमें फायर ब्रिगेड के अधिकारी भी शामिल होंगे।
दूसरी जांच जिला स्तर पर प्रशासन कराएगा।

तीसरी मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने डीआईजी व कमिश्नर से पूरी घटना की प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट 12 घंटे में अलग से मांगी है, ताकि आगे के कदम उठाए जा सकें।

मरने वाले बच्चों के परिजनों को मिलेगा 5-5 लाख का मुआवजा

सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृत बच्चों के परिजनों को तत्काल 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने की घोषणा की है। साथ ही जो बच्चे इस घटना में झुलस गए हैं, उनके समुचित उपचार की व्यवस्था करने एवं उनके परिजनों को 50-50 हजार रुपए आर्थिक मदद देने की घोषणा भी की है।

प्रारम्भिक जांच शुरू, 24 घंटे में आएगी रिपोर्ट

डिप्टी सीएम ने बताया कि घटना की प्रारम्भिक जांच शुरू कर दी गई है। इसकी रिपोर्ट 24 घंटे में आ जाएगी। उसके बाद मजिस्ट्रियल रिपोर्ट आएगी। जैसे ही रिपोर्ट मिलेगी, हम कार्रवाई करेंगे। किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

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