उत्तरकाशी सुरंग में 6 दिन से फंसे 40 मजदूर, 120 घंटे से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन

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उत्तरकाशी में सुरंग धंसने (Uttarakhand Tunnel Collapse) से भीतर फंसे मजदूरों को छह दिन बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका है. आज सातवें दिन भी उनको निकालने के लिए NDRF-SDRF की टीमें जुटी हुई हैं.

उत्तरराखंड की सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 40 मजदूरों को अब तक बाहर नहीं निकाला जा सका है. मजदूरों को टनल में फंसे आज सातवां दिन है ,लेकिन अब तक वह टनल से बाहर नहीं निकल सके हैं.

शुक्रवार को रेक्स्यू ऑपरेशन को बड़ा झटका तब लगा, जब अमेरिकी ऑगर मशीन बीच में ही खराब हो गई. मशीन की बेयरिंग खराब होने की वजह से वह आगे ही नहीं बढ़ सकी.

करीब 25 मीटर की ड्रलिंग के बाद मशीन नीचे किसी मेटेलिक चीज़ से टकरा गई. इससे तेज आवाज आई. दोपहर 2:45 के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया. रेस्क्यू अधिकारियों ने एक्सपर्ट की मीटिंग बुलाई है.

चारधाम प्रोजेक्ट के तहत यह टनल ​​​​ब्रह्मखाल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही है. ये हादसा 12 नवंबर की सुबह 4 बजे हुआ.

12 नवंबर के तड़के 4.5 किलोमीटर लंबे टनल का एक हिस्सा ढह गया. टनल के एंट्री पॉइंट से 200 मीटर दूर मिट्टी धंसी. इससे मजदूर अंदर फंस गए. टनल में फंसे मजदूर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं.

नेशनल हाईवेज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ( NHIDCL) के डायरेक्टर अंशु मनीष खालको ने बताया,”गैस कटर का इस्तेमाल करके मेटल वाले हिस्से को काटने की कोशिश की जा रही है. ड्रिलिंग का काम फिलहाल रोक दिया गया है.”

खलखो ने कहा कि इंदौर से एक और मशीन एयरलिफ्ट करवाई जा रही है. यह मशीन शनिवार सुबह साइट पर पहुंच जाएगी. उन्होंने कहा, “मलबे में पाइप डालने में छेद करने से ज्यादा समय लगता है. ये भी देखना है कि इन पाइपों में कोई दरार न हो.”

एक्सपर्ट के मुताबिक, अनुमान लगाया जा रहा है कि 60 मीटर की टनल धंसी है, तो मलबा इतने ही मीटर में फैला होगा. आशंका यह भी जताई जा रही है कि गीला मलबा टनल के अंदर 60 मीटर से ज्यादा इलाके में फैल गया हो. ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन में आगे भी दिक्कत आ सकती है.

टनल में फंसे 40 मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन पर PMO, गृह मंत्रालय और उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी नजर बनाए हुए हैं. उत्तराखंड सरकार ने की 6 सदस्यीय कमेटी ने अपनी जांच शुरू कर दी है.

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