न्यूयार्क में 18 अगस्त को 42वीं वार्षिक इंडिया डे परेड का आयोजन होगा। इसमें राम मंदिर की झांकी भी शामिल की जाएगी।
हालांकि, इस फैसले को लेकर विरोध किया जा रहा है। भारतीय अमेरिकी मुस्लिम परिषद (आइएएमसी) ने कहा है कि परेड के लिए प्रस्तावित झांकी बाबरी मस्जिद के विध्वंस के महिमामंडन का प्रयास है और यह सांस्कृतिक या धार्मिक प्रदर्शन नहीं, बल्कि मुस्लिम विरोधी नफरत और कट्टरता का उत्सव है।
राम मंदिर की झांकी को लेकर विरोध
एक समूह की ओर से न्यूयार्क के गवर्नर कैथी होचुल और मेयर एरिक एडम्स को पत्र लिखकर इंडिया डे परेड में झांकी शामिल करने की निंदा करने और झांकी का विरोध करने का आग्रह किया गया है। वहीं, फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन (एफआइए) के चेयरमैन अंकुर वैद्य ने कहा कि यह परेड पिछले चार दशकों से आयोजित की जा रही है। इसके आयोजन के लिए समर्थक कड़ी मेहनत करते हैं।
इंटरनेट मीडिया पर दुर्भावनापूर्ण और नफरत भरी सूचना फैलाई जा रही
इस बार शांतिपूर्ण सामुदायिक उत्सव के आयोजन के लिए खुद को भारी जांच के दायरे में पा रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर दुर्भावनापूर्ण और नफरत भरी सूचना फैलाई जा रही है। विविधता का जश्न मनाने की हमारी दीर्घकालिक परंपरा के बावजूद अब हम सांप्रदायिक नफरत और कट्टरता का निशाना बन रहे हैं। उन्होंने तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने, लोगों को गुमराह करने और घृणा फैलाने वाली बातों का हिंदू समुदाय से दृढ़ता से विरोध करने का आग्रह किया है।