गुजरात के मोरबी में पुल गिरने से हुए दर्दनाक हादसे में अब तक 91 लोगों की मौत हो गई है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं.
इस हादसे के बाद एनडीआरएफ की टीमों को मौके पर भेजा गया है. साथ ही नेवी और एयरफोर्स की टीमों को मोरबी के लिए रवाना कर दिया है. मरीन कमांडोज को बचाव-राहत कार्य के लिए भेजा गया है. मोरबी पुल हादसे से जुड़ी 10 बड़ी बातें:
मोरबी हादसे में अभी तक 91 लोगों की मौत हो गई है, वहीं बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक हादसे में बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि मरने वालों में 40 बच्चे शामिल हैं.
मोरबी हादसे की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. आईएएस राजकुमार बेनीवाल की अध्यक्षता में कमेटी हादसे की जांच करेगी.
पुल गिरने की घटना के बाद बड़े पैमाने पर राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है. नेवी और एयर फोर्स की टीमों को मौके के लिए रवाना किया गया है. आईएनएस वलसुरा को रेस्क्यू बोट, मरीन कमांडो और तैराकों के साथ मौके के लिए भेजा गया है.
बचाव और राहत के लिए एनडीआरएफ की तीन टीमों को मौके लिए रवाना किया गया है. तीनों टीमें देर रात करीब एक से डेढ बजे मौके पर पहुंचेंगी.
हादसे के बाद गुजरात सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. हादसे से जुड़ी जानकारी के लिए 02822243300 नंबर पर कॉल कर पता किया जा सकता है.
मोरबी में गिरा केबल पुल करीब एक सदी पुराना था. मरम्मत के बाद चार दिन पहले ही 26 अक्टूबर को इस पुल को फिर से खोला गया था. हालांकि 24 घंटे पहले का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें यह पुल हिलता हुआ नजर आ रहा है.
हादसे को लेकर पीएम मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई नेताओं ने दुख जताया है. हादसे के बाद पीएम मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और संबंधित अधिकारियों से बातचीत की है.
पीएम मोदी ने मोरबी में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को पीएमएनआरएफ से दो लाख रुपये की राशि की मदद की घोषणा की है. साथ ही घायलों को 50-50 हजार रुपये की राशि दी जाएगी.
स्थानीय विधायक एवं राज्य मंत्री बृजेश मेरजा ने कहा, “पुल टूटने से कई लोग नदी में गिर गए. बचाव अभियान जारी है.” प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के वक्त पुल पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे.
मोरबी हादसे में घायल करीब 100 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है.