कार्तिक पूर्णिमा के 7 सरल उपाय, लक्ष्मी प्राप्ति के लिए अवश्य आजमाएं

मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था. और इसी खुशी में देवताओं ने दीप प्रज्वलित कर खुशियां मनाई थी. तब से ही हर साल आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है.

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धर्म में कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2021) का विशेष महत्व है. हर महीने के अंत में पूर्णिमा आती है, लेकिन कार्तिक मास (Kartik Month 2021) की समापन के दिन पूर्णिमा का विशेष महत्व है.

पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu Puja On Kartik Purnima) को समर्पित होता है. इस दिन विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु की पूजा (Lord Vishnu Puja) की जाती है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 19 नवंबर 2021, शुक्रवार (Kartik Purnima 2021 On 19th November) के दिन मनाई जाएगी. बता दें कि कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा (Tripurari Purnima 2021) के नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव (Bhagwan Shiv) ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था. और इसी खुशी में देवताओं ने दीप प्रज्वलित कर खुशियां मनाई थी. तब से ही हर साल आज कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है.

इस दिन घर में तुलसी की पूजा करने से पूरे महीने की गई तुलसी की पूजा से कई गुना ज्‍यादा फल मिलता है. इतना ही नहीं, कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों से बना तोरण बांधें. और दिवाली की तरह घर में दीप जलाने से घर में कभी पैसों की तंगी नहीं होती.

-कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान का भी विशेष महत्व है, इस दिन दान करने से 10 यज्ञ करने जितना फल मिलता है. अपने सामर्थ्‍य के अनुसार अन्न, कपड़े आदि का दान जरूर करें. ऐसा करने से आपके घर में धन-समृद्धि और बरकत बनी रहेगी.

-कार्तिक पूर्णिमा अंतिम अवसर है इस पवित्र माह का जब एकसाथ समस्त देवी-देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है। यूं भी पूनम मां लक्ष्मी को अत्यन्त प्रिय है। इस दिन मां लक्ष्मी की आराधना करने से जीवन में खुशियों की बहार आती है।

-पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का पीपल के वृक्ष पर निवास रहता है। पूर्णिमा के दिन जो भी जातक मीठे जल में दूध मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाता है उस पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है।

-कार्तिक पूर्णिमा के गरीबों को चावल दान करने से चन्द्र ग्रह शुभ फल देता है।

-इसी तरह शिवलिंग पर कच्चा दूध, शहद व गंगाजल मिला कर चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते है।

-कार्तिक पूर्णिमा को घर के मुख्यद्वार पर आम के पत्तों का तोरण बांधें।

-शादीशुदा व्यक्ति पूर्णिमा के दिन भूलकर भी अपनी पत्नी या अन्य किसी से शारीरिक सम्बन्ध न बनाएं वरना चन्द्रमा के दुष्प्रभाव आपको व्यथित करेंगे। इस दिन पत्नी या किसी नन्ही बच्ची को उपहार दें।

-पूर्णिमा पर चन्द्रमा के उदय होने के पश्चात खीर में मिश्री व गंगा जल मिलाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाएं। द्वार पर रंगोली जरूर बनाएं। इससे विशेष समृद्धि के योग बनते हैं। नवग्रह प्रसन्न होते हैं।

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