यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर दुनिया के दो ताकतवर देशों अमेरिका और रूस के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है.
रूस की ओर से यूक्रेन पर हमले के खिलाफ अमेरिका ने ‘मॉस्को’ पर कई प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी, इसके जवाब में रूस ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य शीर्ष अमेरिकी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा दिया है.
गौरतलब है कि अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों के रूस पर प्रतिबंध और आर्थिक दंडों के कारण कई कंपनियों ने रूस में काम करना बंद कर दिया है. इसका सबसे बड़ा असर आम ज़िंदगी पर पड़ा है. रूस में महंगाई (Inflation) बढ़ गई है और कई संस्थानों में नौकरियां कम होने का खतरा बढ़ गया है.
रूस में खाद्य तेल, चीनी और और दूसरी ज़रूरी चीजों के दाम प्रतिबंधों के बाद से ही बढ़ गए थे. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार मास्को और दूसरे शहरों में दवाओं की बिक्री को सीमित किया जा रहा है और जमाखोरी की भी खबरें आईं हैं.
चीनी के दाम 20% तक बढ़ गए हैं. रुस की मुद्रा रूबल यूक्रेन पर हमला शुरू होने के बाद से ही गिरना शुरू हुई थी. एक यूरोपीय संघ के नागरिक, जैन ने बीबीसी को बताया कि 20 फरवरी को जो ग्रॉसरी का सामान 5,500 रूबल में आ जाता था वो अब 8,000 रूबल में आ रहा है.
पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के बाद रूस विदेशी मुद्रा में डॉलर और यूरो रिजर्व का प्रयोग नहीं कर पा रहा है. इसके उपाय के तौर पर रूस विदेश मुद्रा के तौर पर चीनी मुद्रा युआन का प्रयोग करेगा. रूस के वित्त मंत्री अंटोन सिलुआनोव ने यह जानकारी दी.
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण रूस में स्मार्टफोन और लैपटॉप मंहगे हो गए हैं क्योंकि इनकी सप्लाई पर प्रतिबंध लग गए हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक स्मार्टफोन और टीवी के दाम 10% तक बढ़ गए हैं.
रूस में अब नाइकी, एप्पल और आइकिया के सामान नहीं बिक रहे हैं. रूस के वित्तीय संस्थानों को SWIFT अंतर्राष्ट्रीय पेमेंट सिस्टम से हटा दिया गया है. इससे रूस में पेमेंट करना और रूस के बाहर पैसा पहुंचाना मुश्किल हो गया है.
एप्पल, गूगल पे, मास्टरकार्ड, वीज़ा और दूसरे वित्तीय साधनों ने रूस में अपनी सेवाएं सीमित की हैं. रूस के Promsvyazbank (PSB) के अनुसार रूस में प्रतिबंधों के बाद आम लोगों ने इलैक्ट्रॉनिक सामानों और दवाईयों की जमाखोरी करनी शुरू की और खाने और कपड़े पर मार्च के पहले हफ्ते में अधिक खर्चा किया.
एक आम रूसी ने फरवरी में किए गए कुल औसत खर्चे की तुलना में मार्च के पहले हफ्ते में 21% अधिक खर्चा किया.रूस के वित्त मंत्रालय की ओर से बताया गया कि फरवरी 25 को वार्षिक ग्राहक महंगाई की दर 9.05% थी जो 4 मार्च बढकर 10.42 हो गई. हफ्तावार महंगाई 0.45% से 2.22 % पर पहुंच गई जो 1998 के बाद सबसे अधिक है.