‘अग्निपथ’ के खिलाफ जारी है प्रदर्शन, बिहार-यूपी में अब तक 1058 गिरफ्तार, बिहार में BJP नेताओं की बढ़ाई गई सुरक्षा

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केंद्र सरकार ने ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच शनिवार को ”अग्निवीरों” के लिए अर्धसैनिक बलों और रक्षा मंत्रालयों की नियुक्तियों में 10 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा के साथ ही कई अन्य प्रोत्साहनों की घोषणा की.

विपक्षी दलों द्वारा इस योजना को वापस लेने के लिए डाले जा रहे दबाव और राज्यों में हिंसक प्रदर्शनों के बीच केंद्र ने नई सैन्य भर्ती योजना को लेकर चिंताओं और शिकायतों पर “खुले मन से विचार” करने की भी पेशकश की. हालांकि, केंद्र की कोशिशें नाकाम रहीं. बिहार-यूपी समेत देशभर में लगातार चौथे दिन भी प्रदर्शन जारी रहा.

बिहार में योजना के विरोध में बंद का आह्वान किया गया था. नई सैन्य भर्ती योजना के विरोध के चौथे दिन राज्य में एक रेलवे स्टेशन और एक पुलिस वाहन में आगजनी की गई, एक एंबुलेंस को भी उपद्रवियों ने निशाना बनाया जबकि पथराव में कई जगहों पर पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है. पंजाब में लुधियाना रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की गई तो वहीं पश्चिम बंगाल, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में भी सड़क और रेल यातायात ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के चलते बाधित हुआ.

पुलिस मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक ‘बिहार बंद’ के दौरान रेलवे, सरकारी सम्पत्ति को विनष्ट करने तथा तोड़-फोड़ के विरुद्ध पूरे राज्य में कुल 25 प्राथमिकी दर्ज की गई हैं तथा 250 अराजक तत्वों की गिरफ्तारी की गई है. पुलिस के मुताबिक 16 जून से 18 जून तीन दिनों में कुल 138 प्राथमिकी दर्ज की गई है और 718 अराजक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है. सीसीटीवी फुटेज तथा वीडियोग्राफी के जरिये अराजक तत्वों व हिंसा करने वालों की पहचान की जा रही है. पुलिस ने कहा कि जांच के क्रम में हिंसा करने वालों की पहचान होने पर उनके विरुद्ध विधि-सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में शनिवार को उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों से प्रदर्शन की खबरें आईं. वहीं, पुलिस ने इन हिंसक प्रदर्शनों के मामले में अब तक 29 अभियोग पंजीकृत कर कुल 340 लोगों को गिरफ्तार किया है. योजना के खिलाफ शनिवार को जौनपुर में प्रदर्शनकारियों ने राज्य परिवहन निगम की बसों को आग के हवाले कर दिया तथा पुलिस वाहन में भी तोड़फोड़ की. कन्नौज से भी प्रदर्शन की खबर है. इसके पहले शुक्रवार को भी प्रदेश के बलिया, गोरखपुर, देवरिया, गौतमबुद्धनगर, वाराणसी, मिर्जापुर, जौनपुर, चंदौली, आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और अलीगढ़ जिलों में ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में युवाओं ने हिंसक प्रदर्शन किया और तोड़फोड़ की.

सैकड़ों युवाओं ने केरल में प्रदर्शन शुरू करते हुए सेना में भर्ती के लिए लंबित लिखित परीक्षा जल्द से जल्द कराने की मांग को लेकर तिरुवनंतपुरम और कोझीकोड में विशाल विरोध रैलियां निकालीं. सेना में नौकरी पाने के इच्छुक लोग सुबह शहर के मध्य स्थित थंपनूर में एकत्र हुए और उन्होंने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आधिकारिक आवास राजभवन तक रैली निकाली. हाथ में बैनर एवं तख्तियां थामे इन लोगों ने ‘‘हम न्याय चाहते हैं” के नारे लगाएं.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना को ‘दिशाहीन’ करार देते हुए कहा कि उनकी पार्टी इसे वापस करवाने के लिए संघर्ष का वादा करती है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी अग्निपथ भर्ती योजना को वापस लेने की मांग की और कहा कि पिछले दो वर्ष में जिन उम्मीदवारों ने शारीरिक परीक्षण उत्तीर्ण कर ली है, उन्हें सेना में शामिल होने के लिए लिखित परीक्षा में भाग लेने का मौका अवश्य मिलना चाहिए.

प्रदर्शनकारी युवाओं का आरोप है कि योजना के तहत चार साल के अनुबंध की समाप्ति के बाद उनके पास कोई सेवानिवृत्ति लाभ नहीं होगा और वे अधर में होंगे। युवाओं की आशंकाओं के निराकरण के लिये गृह और रक्षा मंत्रालय ने कई रियायतों और प्रोत्साहनों की घोषणा की जिससे सेवानिवृत्ति के बाद उनके पुन: रोजगार प्राप्त करने में सहायता मिलेगी.

इधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सेना में भर्ती संबंधी‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों से उत्पन्न खतरे के मद्देनजर बिहार में बीजेपी के 10 विधायकों को सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा प्रदान की है. जिन बीजेपी विधायकों को यह वाई श्रेणी सुरक्षा प्रदान की गई है, उनमें बिहार की उपमुख्यमंत्री रेणु देवी, प्रदेश बीजेपीअध्यक्ष और पश्चिम चंपारण के सांसद संजय जायसवाल, बिस्फी के विधायक हरिभूषण ठाकुर, दरभंगा के विधायक संजय सरावगी और अन्य नेता शामिल हैं. उनमें कुछ विधानपरिषद सदस्य भी हैं.

सरकार ने मंगलवार को इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि साढ़े सत्रह साल से 21 साल तक की आयु के युवाओं को चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा, जबकि उनमें से 25 प्रतिशत को बाद में नियमित सेवा में शामिल किया जाएगा.

नई योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा. इस योजना का एक प्रमुख उद्देश्य सैन्यकर्मियों की औसत आयु को कम करना और बढ़ते वेतन और पेंशन बिल में कटौती करना है. कोरोना वायरस महामारी के कारण दो साल से अधिक समय से सेना में रुकी हुई भर्ती प्रक्रिया की पृष्ठभूमि में नयी योजना की घोषणा की गयी है.

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