सियासी संकट के बीच उद्धव ठाकरे ने आज बुलाई शिवसेना के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की अहम बैठक

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हाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच शुक्रवार को उद्धव ठाकरे को भावुक हो गए. उन्होंने पार्टी के दो टुकड़ों में बंट जाने के बाद उन्होंने बागियों पर उन्हें छलने का आरोप लगाया.

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हमें अपने ही लोगों ने धोखा दिया है. बगावत करने वाले शिवसेना के विधायकों को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया गया, जबकि कई शिवसैनिक नामांकन के इच्छुक थे. इधर, शिंदे टीम और मजबूद हो गई क्योंकि एक और शिवसेना विधायक गुवाहाटी के होटल में डारे डाले बागी विधायकों की गुट में जुट गया.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. यह बैठक शिवसेना भवन में होने वाली है. कोविड से संक्रमित ठाकरे इससे ऑनलाइन जुड़ेंगे.

ठाकरे ने शुक्रवार को भी एक पार्टी बैठक की. इधर, सियासी उठापटक के बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार, अजित पवार और अन्‍य एनसीपी नेता ठाकरे के घर मिलने के लिए पहुंचे.

महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहारी जिरवाल विधान भवन पहुंचे. वहीं, दो निर्दलीय विधायकों ने दावा किया कि जिरवाल के पास एकनाथ शिंदे के गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने का कोई अधिकार नहीं है.

इधर, शिवसेना नेता नीलम गोर्हे ने कहा कि एकनाथ शिंदे शिवसेना के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकते, उनके समूह का भारतीय जनता पार्टी में विलय होना चाहिए. वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिंदे की बगावत से शिवसेना पर असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने पार्टी कार्यकताओं से नए सिरे से पार्टी का पुन: निर्माण करने को कहा है.

बीजेपी ने दावा किया कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के बचे रहने के संकट के बीच शिवसेना के सहयोगी दल राकांपा और कांग्रेस के नेताओं की अगुवाई वाले विभागों ने करोड़ों रुपये की निधि को मंजूरी देने के लिए सरकारी आदेश जारी किया. इस पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि राज्य सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और उसे फैसले लेने का लोकतांत्रिक अधिकार है.

इधर, एक अन्य शिवसेना विधायक दिलीप लांडे गुवाहाटी पहुंचे. ऐसे में शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने उनका समर्थन करने वाले विधायकों की गुवाहाटी में बैठक की अध्यक्षता की. शिंदे ने दावा किया कि शिवसेना के 40 विधायक समेत 50 विधायक उनका समर्थन कर रहे हैं.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मुंबई में पार्टी की बैठक में शामिल हुए. बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि उनकी पार्टी का शिवसेना में चल रहे घटनाक्रम से कोई लेना-देना नहीं है.

हालांकि, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार की रात आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मकसद शिवसेना को समाप्त करना है क्योंकि वह हिंदू वोट बैंक को साझा नहीं करना चाहती. ठाकरे ने बीजेपी और शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे को चुनौती दी कि वे शिवसेना के कार्यकर्ताओं और पार्टी को वोट देने वाले लोगों को अपने पाले में करके दिखाएं.

पार्टी के पार्षदों को ऑनलाइन माध्यम से संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी के आम कार्यकर्ता उनकी ‘‘पूंजी” हैं और जब तक वे उनके साथ खड़े हैं, तब तक वे किसी अन्य द्वारा की जाने वाली आलोचना की परवाह नहीं करते. शिवसेना प्रमुख ने शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘अगर शिवसेना का एक कार्यकर्ता मुख्यमंत्री बनने जा रहा है तो आपको उनके (भाजपा) साथ जाना चाहिए. लेकिन, अगर आप उपमुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं तो आपको मुझे बताना चाहिए था, मैं आपको उपमुख्यमंत्री बना देता.”

इधर, शिवसेना ने चार और बागी विधायकों के नाम महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष के पास भेजे हैं ताकि उनके खिलाफ अयोग्य करार देने की कार्रवाई शुरू की जा सके. इस संबंध में शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि पार्टी बागी धड़े के 16 विधायकों को भी नोटिस जारी करेगी और उनसे सोमवार तक जवाब देने को कहेगी. जिन चार विधायकों के नाम उपाध्यक्ष के पास भेजे गए हैं उनमें संजय रायमुलकर, चिमन पाटिल, रमेश बोरनारे और बालाजी कल्याणकर शामिल हैं.

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