साउथ अफ्रीका की बार में 21 स्टूडेंट्स मृत पाए गए, मौत की वजह साफ नहीं

शवों पर चोट के निशान नहीं मिले हैं. अधिकारियों ने भगदड़ के कारण से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि शवों के परीक्षण के बाद पता चलेगा कि मौतों की वजह जहर भी है या नहीं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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दक्षिण अफ्रीका (South Africa) के शहर टैवर्न में 21 किशोरों की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई. इन किशोरों में सबसे कम उम्र का युवक 13 साल का था. बताया जा रहा है कि ये युवक क्लब में नाइट आउट के लिए निकले थे.

प्रांतीय अधिकारियों ने कहा कि माना जाता है कि कई छात्र शनिवार की रात हाई-स्कूल की परीक्षा समाप्त होने का जश्न मना रहे थे. शवों पर चोट के निशान नहीं मिले हैं. अधिकारियों ने भगदड़ के कारण से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि शवों के परीक्षण के बाद पता चलेगा कि मौतों की वजह जहर भी है या नहीं. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

एएफपी के संवाददाता के मुताबिक- जिन माता-पिता के बच्चे लापता हुए थे, वे पूर्वी लंदन शहर की उस बार के आगे इकट्ठे थे. वहां वाहनों में शवों को रखा हुआ था. वरिष्ठ अधिकारी दक्षिणी शहर के लिए रवाना हो गए हैं. उनमें मंत्री भीकी सेले भी शामिल थे, जो शव गृह से बाहर निकलने के बाद रो पड़े.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ये एक भयानक दृश्य है. वे बहुत छोटे हैं. जब आपको बताया जाता है कि वे 13 या 14 साल के हैं और आप उन्हें ऐसे देखते हैं तो टूट जाते हैं. बार में 18 से अधिक उम्र के लोगों के शराब पीने की अनुमति है, लेकिन सुरक्षा नियम और शराब पीने की उम्र के कानून हमेशा लागू नहीं होते. एक 17 वर्षीय लड़की के माता-पिता ने कहा, “हमारा एक बच्ची थी, जिसकी मौके पर ही मौत हो गई.”

शवगृह के बाहर अपने पति के बगल में खड़ी दुखी मां नतोम्बिज़ोंके मगंगला ने कहा कि हमारा बच्चा, हमें नहीं पता था कि वह मरने जा रहा था. वो बहुत विनम्र था. जर्मनी में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने शोक संवेदना व्यक्त की. उन्होंने साथ ही इस बात पर चिंता भी जताई कि ऐसे स्थान पर इन बच्चों को क्यों इकट्ठा किया गया जहां 18 साल से ऊपर के लोगों को जाना चाहिए.

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