शिव सेना सांसद संजय राऊत के घर सुबह-सुबह पहुंची ED की टीम, दो बार समन मिलने पर भी नहीं हुए थे पेश

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम मुंबई में शिवसेना (Shiv sena) के नेता संजय राऊत (Sanjay Raut) के घर पर पहुंच गई है.

पतरा चाल भूमि घोटाला मामले (Patra Chawl land scam case) में दो बार बुलाने पर भी संजय राऊत ED के सामने पेश नहीं हुए थे. इसलिए अब ED की टीम आज सुबह-सुबह उनके घर पर पहुंच गई है. हालांकि एक बार संजय राऊत से 10 घंटे पूछताछ हो चुकी है.

प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी आज सुबह करीब 7 बजे शिवसेना नेता संजय राउत के आवास पर पहुंचे. उनसे राउत से पतरा चाल भूमि घोटाला मामले में पूछताछ की जा रही है. जांच एजेंसी की टीम के साथ सीआरपीएफ के अधिकारी भी हैं. यह टीम आज सुबह मुंबई के पूर्वी उपनगर भांडुप में संजय राउत के घर पहुंचे हैं.

संजय राउत ने एक जुलाई को अपना बयान दर्ज कराया था. फिर उनसे 10 घंटे तक पूछताछ की गई थी. बाद में उनको 20 जुलाई और फिर 27 जुलाई को तलब किया गया था. तब राउत ने कहा था कि वे संसद का सत्र चलने के कारण ईडी के सामने फिलहाल पेश नहीं होंगे. उन्होंने कहा था कि वे 7 अगस्त के बाद ही पेश हो पाएंगे.

संजय राऊत पर ED की कार्रवाई का क्या है पतरा चाल कनेक्शन?

ED के मुताबिक पतरा चाल के 672 परिवारों के पुनर्वास के लिए सोसायटी, म्हाडा और गुरू आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच करार हुआ था. गुरू आशीष कंपनी के डायरेक्टर HDIL के राकेश वाधवान, सारंग वाधवान और प्रवीण राउत थे. कंपनी पर आरोप है कि उसने म्हाडा को गुमराह कर वहां की FSI पहले तो 9 दूसरे बिल्डरों को बेचकर 901 करोड़ जमा किए, फिर मिडोज नाम से एक नया प्रोजेक्ट शुरू करके 138 करोड़ रुपये फ्लैट बुकिंग के नाम पर वसूले. लेकिन 672 असली किरायेदारों को उनका मकान नहीं दिया. इस तरह कंपनी ने 1039.79 करोड़ बनाए.

ED का आरोप है कि बाद में HDIL ने गुरु आशीष कंपनी के डायरेक्टर प्रवीण राउत को 100 करोड़ रुपये दिए जिसमें से प्रवीण राउत ने 55 लाख रुपये संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को दिए थे, जो कि मनी लॉन्ड्रिंग का हिस्सा है.

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