सीबीआई मेरा मोबाइल फोन तक लेकर चली गई, 14 घंटे चली रेड के बाद बोले मनीष सिसोदिया

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दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के घर में 14 घंटे की छापेमारी के बाद सीबीआई की टीम उनके घर से निकली गई.

छापेमारी के बाद मनीष सिसोदिया ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि सीबीआई की टीम मेरा लैपटॉप और मोबाइल फोन लेकर गई है. सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई को ऊपर से कंट्रोल किया जा रहा है और इसके जरिए दिल्ली में हो रहे अच्छे कामों को रोकने की कोशिश हो रही है.

सिसोदिया ने कहा कि आज सुबह सीबीआई की टीम आई थी, उन्होंने पूरे घर की तलाशी ली. मेरा कंप्यूटर और पर्सनल मोबाइल सीज करके ले गए हैं. मैंने और मेरी फैमिली ने पूरा सहयोग दिया जांच में, आगे भी जांच होगी तो सहयोग देंगे. हमने कुछ गलत नहीं किया है, कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है. इसलिए हम डर नहीं रहे हैं.

सीबीआई ने फिलहाल मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार नहीं किया है. छापेमारी के बाद सिसोदिया ने कहा कि हम कट्टर ईमानदार लोग हैं, हमने कहीं कुछ गलत नहीं किया और आगे भी ईमानदारी से काम करते रहेंगे. हमने ईमानदारी से काम करते हुए स्कूल बनाए हैं, लाखों बच्चों का भविष्य संवारा है, ईमानदारी से काम करते हुए अस्पताल बनाए हैं लाखों लोगों को इलाज मिला है.

उन्होंने कहा कि पेरेंट्स की दुआएं हैं बच्चों की दुआएं हैं. केंद्र सरकार जितना दुरुपयोग करना चाहे, कर ले लेकिन हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकते. क्योंकि हमने कोई गलत काम नहीं किया है. लोगों को अच्छी शिक्षा, स्वास्थ्य देने का काम जारी रहेगा दिल्ली सरकार रुकेगी नहीं.दिल्ली के डिप्टी सीएम ने कहा कि सीबीआई ने फिलहाल पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है, सभी का व्यवहार बहुत अच्छा था. कुछ फाइलें थी मेरी, मेरा लैपटॉप और मोबाइल फोन ले गए हैं.

सीबीआई ने मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को एफआईआर (CBI FIR) में पहला आरोपी बनाया है. सीबीआई की इस एफआईआर में 15 आरोपी हैं. यह आबकारी नीति में अनियमितता का मामला है. ये केस 17 अगस्त को केस दर्ज हुआ है.दिल्ली की शराब नीति में भ्रष्टाचार के केंद्र के आरोपों को लेकर सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर पर छापा मारा, जिसका आम आदमी पार्टी सरकार ने जोरदार विरोध किया. सीबीआई ने सिसोदिया के दिल्ली स्थित घर और 7 राज्यों में 20 अन्य स्थानों पर तलाशी ली. भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने की अनिवार्य मंजूरी उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने दी थी.

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