भोपाल में आफत की बारिश, जलमग्न हुआ शहर, बिजली गुल, 75 प्रतिशत शहर में अंधेरा

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मध्यप्रदेश के भोपाल में भयंकर बारिश से हालात हालात बिगड़ते जा रहे हैं. भारी बारिश की वजह से शहर के कई इलाक़े जलमग्नन हो गए. शहर के अधिकतर हिस्सों से बिजली नदारद हो चुकी है.

पिछले 24 घंटे में 14 इंच से अधिक बारिश हुई है. भोपाल समेत राज्य के कई ज़िलों में भारी बारिश के साथ तेज़ हवाओं की वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. भोपाल में कई सालों बाद इतनी बारिश हुई है कि ज़्यादातर इलाके जलमग्न हो गए हैं. कई घंटों तक शहर में बिजली नहीं रही. बाद में बिजली बहाल हुई तो वो भी सिर्फ़ 25 फ़ीसदी इलाकों में. कई घंटे से बिना बिजली के रह रहे लोगों की परेशानी बढ़ती जा रही है. बावड़िया कलां में तो 48 घंटों से बिजली नहीं है.

भोपाल में महज 12 घंटों में साढ़े छह इंच से ज़्यादा बारिश दर्ज की गई है. शहर की बड़ी झील की तस्वीरें भी सामने आईं जिसमें बोट क्लब पर बड़ी-बड़ी लहरें उठ रहीं हैं और क्रूज़ बोट भी डूब गई. 50 से ज़्यादा डैम ओवरफ्लो हो गए हैं. बारिश की वजह से भोपाल को दूसरे शहरों से जोड़ने वाली कई मुख्य सड़कें भी प्रभावित हुई हैं. लगातार बारिश और बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए आज भोपाल, उज्जैन, रतलाम, सागर, विदिशा, अशोकनगर, आगर मालवा, नर्मदापुरम, देवास और शिवपुरी ज़िलों के स्कूल बंद कर दिए गए हैं.

वहीं कांग्रेस नेता कमलनाथ ने बिगड़ते हालात पर ट्वीट कर राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि बिजली संकट के कारण जनता को जलसंकट का सामना भी करना पड़ रहा है. अफ़सोस की बात है कि यह स्थिति प्रदेश की राजधानी भोपाल की है, बाक़ी प्रदेश की स्थिति ख़ुद समझी जा सकती है. यह है भाजपा सरकार के 18 वर्ष के स्वर्णिम विकास व तमाम दावों की हक़ीक़त. बड़ी ही शर्मनाक स्थिति है कि मध्य प्रदेश की राजधानी के अधिकांश हिस्सों में रातभर से ही बिजली ग़ायब है.

भोपाल घंटों से अंधेरे में डूबा है. जनता हाहाकार कर रही है, परेशान है. सुनने वाला कोई भी नहीं है, सारे ज़िम्मेदार मैदान से ग़ायब है, आयोजनों में व्यस्त है. मध्यप्रदेश कांग्रेस की तरफ़ से तंज़ कसते हुए ट्वीट कर कहा गया है कि भारी बारिश से तरबतर भोपाल, बिजली गुल, ट्रैफ़िक व्यवस्था ध्वस्त. सरकार अमित शाह की चाकरी में व्यस्त. अशुभ और अमंगलराज, शिवराज का जंगलराज.

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