नामीबिया से ग्वालियर पहुंचे 8 चीते, हेलीकॉप्टर से जल्द ले जाए जाएंगे MP के नेशनल पार्क

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नामीबिया से आठ चीते लेकर विशेष विमान मध्य प्रदेश के ग्वालियर एयरपोर्ट पर उतर चुका है. अब इन चीतों को भारतीय वायु सेने के चिनुक हेलिकॉप्टर से कुनो नेशनल पार्क (Kuno National Park) ले जाया जाएगा, जहां उन्हें छोड़ा जाएगा.

पहले की योजना के तहत इन चीतों को लाने वाले विमान को राजस्थान के जयपुर में उतरना था, जहां से उन्हें केएनपी भेजा जाता. चीते विमान में ग्वालियर के महाराजपुरा एयरबेस पर शनिवार की सुबह पहुंचें. इसके बाद इन्हें जल्द ही भारतीय वायु सेना के चिनूक (IAF Chinook) हेलीकॉप्टर से कुनो राष्ट्रीय पार्क के लिए भेजा जाएगा.

नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित है, जो ग्वालियर से लगभग 165 किमी दूरी पर स्थित है.

पहले भारत में काफी संख्या में चीते पाए जाते थे, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या बहुत कम हो गई.

एक अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर इन चीतों को कुनो पार्क के संगरोध बाड़ों में छोड़ने वाले हैं.

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) वन्यजीव जेएस चौहान ने शुक्रवार को ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा, ‘‘चीते ग्वालियर पहुंचेगे और वहां से उन्हें एक विशेष हेलीकॉप्टर के जरिये केएनपी भेजा जाएगा.”

अधिकारियों ने बताया कि आठ चीतों में पांच मादा और तीन नर चीते हैं, जो नामीबिया की राजधानी विंडहोक से विशेष मालवाहक विमान बोइंग 747-400 के जरिये ग्वालियर हवाई अड्डे पर ला जा रहे हैं.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पुष्टि की कि ग्वालियर से चीतों को भारतीय वायु सेना के चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिये केएनपी हेलीपैड पर उतारा जाएगा.

चीता संरक्षण कोष (सीसीएफ) के मुताबिक, केएनपी लाए जा रहे चीतों में से पांचों मादा की उम्र दो से पांच साल के बीच, जबकि नर चीतों की आयु 4.5 साल से 5.5 साल के बीच है.

1952 में चीते को भारत में विलुप्त घोषित किया गया था. ‘अफ्रीकन चीता इंट्रोडक्शन प्रोजेक्ट इन इंडिया’ 2009 में शुरू हुआ था और इसने हाल के कुछ वर्षों में गति पकड़ी है.

भारत ने चीतों के आयात के लिए नामीबिया सरकार के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं.

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