अमेरिका में कैलिफोर्निया की एक अदालत ने मुंबई में वर्ष 2008 में हुए आतंकी हमलों के जेल में बंद आरोपित तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को अनुमति प्रदान कर दी है।
भारत ने पाकिस्तानी मूल के इस कनाडाई कारोबारी के प्रत्यर्पण की मांग की थी।
जज जैक्लिन चूलजियान की अदालत ने 16 मई को दिए आदेश में कहा कि 62 वर्षीय राणा उन अपराधों के लिए प्रत्यर्पण योग्य है जिनमें उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है। वर्ष 2008 में पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों द्वारा मुंबई में किए गए हमलों में राणा की भूमिका की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) कर रही है।
इन हमलों में राणा की भूमिका के लिए भारत के प्रत्यर्पण के अनुरोध पर अमेरिका ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। एनआइए ने कहा है कि वह राजनयिक माध्यमों के जरिये उसे भारत लाने की प्रक्रिया शुरू करने को तैयार है।
अदालती सुनवाई के दौरान संघीय अभियोजनकर्ताओं ने दलील दी कि राणा इस बात से वाकिफ था कि उसके बचपन का पाकिस्तानी-अमेरिकी दोस्त डेविड कोलमैन हेडली लश्कर ए तैयबा से जुड़ा था।
हेडली की मदद करके और उसकी गतिविधियों पर पर्दा डालकर राणा आतंकी संगठन व उससे जुड़े लोगों की मदद कर रहा था। राणा को हेडली की बैठकों, उनमें हुई चर्चा और कुछ टारगेट्स समेत हमलों की साजिश के बारे में पता था।
अमेरिकी सरकार ने जोर देकर कहा कि राणा साजिश का हिस्सा था और उसने एक आतंकी कृत्य को अंजाम देने का बड़ा अपराध किया। दूसरी ओर, राणा के अटार्नी ने प्रत्यर्पण का विरोध किया। याद दिला दें कि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों में छह अमेरिकियों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे।