Manipur Violence: नहीं थम रही मणिपुर में हिंसा, भाजपा कार्यालयों में तोड़फोड़, पुलिस थानों पर बरसाईं गोलियां

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मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। खबर आई है कि मणिपुर के बिष्णुपुर और चूराचांदपुर जिले में अत्याधुनिक हथियारों ने बीती रात जमकर गोलीबारी की गई।

लांगोल इलाके में एक घर में भी उग्रवादियों ने आग लगा दी। पूरे राज्य के अलग-अलग इलाकों से तोड़फोड़ और आगजनी की खबरें सामने आ रही हैं। हालात को देखते हुए सेना, असम राइफल्स, रैपिड एक्शन फोर्स और राज्य पुलिस ने संयुक्त रूप से इंफाल ईस्ट जिले में फ्लैग मार्च निकाला।

भाजपा कार्यालयों में तोड़फोड़
मणिपुर में केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के आवास को गुस्साई भीड़ द्वारा आग के हवाले करने के एक दिन बाद मणिपुर में भाजपा कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई। गुस्साई भीड़ ने इंफाल में स्थित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ए शारदा देवी के आवास पर हमला किया। हालांकि सुरक्षाबलों की मुस्तैदी से भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया। सिंगजमई और तोंगजु, इंफाल ईस्ट में भी स्थित भाजपा कार्यालयों को भीड़ ने निशाना बनाया और तोड़फोड़ की।

थाने में हथियार लूट की कोशिश
शुक्रवार रात इंफाल वेस्ट के इंरिंगबम पुलिस स्टेशन पर उग्रवादियों ने हमला किया और वहां से हथियार लूटने की कोशिश की गई। हालांकि सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों की साजिश को विफल कर दिया। एक अन्य घटना में करीब हजार लोगों की भीड़ ने एडवांस हॉस्पिटल के नजदीक स्थित पैलेस कंपाउंड में आगजनी और तोड़फोड़ की कोशिश की। रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों ने आंसू गैस और रबड़ की गोलियां चलाकर भीड़ को तितर-बितर किया। इस दौरान दो लोग घायल हो गए। वहीं मणिपुर यूनिवर्सिटी के नजदीक थोंगजू इलाके में देर रात एक भीड़ ने भाजपा के स्थानीय विधायक के आवास में तोड़फोड़ की कोशिश की। हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया।

मणिपुर के एक नेता के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। दरअसल पीपल्स फ्रंट ऑफ मणिपुर नामक स्थानीय राजनीतिक पार्टी के नेता ने अखबार में एक लेख लिखा, जिसमें असम राइफल्स को मौजूदा हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया। इसके चलते पुलिस ने नेता पर दो पक्षों में शत्रुता बढ़ाने के आरोप में देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया है। बता दें कि मणिपुर में हिंसा शुरू हुए एक महीने से ज्यादा का समय हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस हिंसा में अभी तक 115 लोगों की मौत हो चुकी है और 310 लोग घायल हुए हैं। हजारों लोगों को विस्थापन झेलना पड़ा है।

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