पूर्व सैनिकों के लिए सेना ने शुरू किया ‘प्रोजेक्ट नमन’; मणिपुर में चार महीने बाद आज से खुलेंगे कॉलेज

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भारतीय सेना ने मंगलवार को पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिजनों के कल्याण के लिए ‘प्रोजेक्ट नमन’ शुरू किया।

इसके तहत पूर्व सैनिकों और शहीद सैन्य कर्मियों के परिजनों के लिए सुविधा और शिकायत निवारण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह का पहला केंद्र जल्द ही दिल्ली छावनी में स्थापित किया जाएगा। भारतीय सेना के पूर्व सैनिक निदेशालय (एडजुटेंट जनरल ब्रांच) ने पूर्व सैनिकों के सम्मान में प्रोजेक्ट नमन के लिए एचडीएफसी बैंक और सीएसई ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड के साथ समझौता किया है।

रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस परियोजना में सेना के पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के लिए सुविधा और शिकायत निवारण केंद्र स्थापित करना शामिल है। इसमें एक कॉमन सर्विस सेंटर होगा जो पूर्व सैनिकों और शहीद सैन्य कर्मियों के परिजनों को सुविधा प्रदान करेगा। यह सभी सेवाओं की पेशकश करेगा और दिग्गजों, परिजनों और आश्रितों के स्पर्श पोर्टल पर पेंशनभोगियों के खातों को अपडेट करने की सुविधा भी देगा। अधिकारियों ने कहा कि परियोजना के दूसरे चरण में, भारत भर के विभिन्न सैन्य स्टेशनों पर 13 और केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

सेना 170 बख्तरबंद वाहन खरीदेगी

भारतीय सेना ने अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 170 बख्तरबंद वाहन (एआरवी) खरीदने की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू की। अधिकारियों ने कहा कि एआरवी की खरीद ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल के के तहत की जाएगी। 170 एआरवी की खरीद के लिए प्रारंभिक निविदा मंगलवार को जारी की गई थी।

आरएफआई के अनुसार, एआरवी को उच्च ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों सहित विभिन्न इलाकों में विभिन्न मौसम स्थितियों में काम करने में सक्षम होना होगा। उन्हें दिन-रात विभिन्न मौसम में काम करने की भी आवश्यकता होगी। एआरवी आम तौर पर क्षतिग्रस्त बख्तरबंद लड़ाकू वाहनों की मरम्मत और पुनर्प्राप्ति सेवा प्रदान करते हैं।
अगस्त में सूखा, जलाशयों में जल भंडारण 38 फीसदी कम

इस साल मानसून के तीसरे माह यानी अगस्त में कम बारिश से देशभर के 150 जलाशयों में जल भंडारण लाइव स्टोरेज कैपिसिटी से करीब 38 फीसदी कम रहा। इस माह 123 वर्षों में अब तक की सबसे कम वर्षा दर्ज की गई है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार अगस्त में जलाशयों में जल भंडारण 62 से 64 फीसदी के बीच बनी रहा। सीडब्ल्यूसी की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार जलाशयों में लाइव स्टोरेज 113.417 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) है।

यह कुल लाइव स्टोरेज कैपेसिटी का 63 प्रतिशत है। यह स्थिति 2022 की समान अवधि से 23 प्रतिशत कम है। अगर बीते दस वर्षों की समान अवधि पर गौर करे तो उससे भी 9 प्रतिशत कम है। तीन हफ्ते पहले यानी 10 अगस्त को जलाशयों में लाइव स्टोरेज 109.98 बीसीएम था, जो कुल लाइव स्टोरेज कैपिसिटी का 62 प्रतिशत था, जिसमें 17 अगस्त तक कोई सुधार नहीं हुआ। ताजा बुलेटिन में यह 63 प्रतिशत है। यानी अगस्त में जलाशयों में लाइव स्टोरेज कुल कैपेसिटी 62 से 64 प्रतिशत के बीच ही बनी रही। इसके कारण कई बेसिन में पानी की बहुत कमी हो गई है।

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