राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में सोमवार को तेज हवाओं के साथ बारिश (Delhi Rain) हुई, जिससे मौसम सुहावना हो गया है.
दिल्ली में हवाओं के कारण आज पारा गिरकर 30.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया, जो मौसम के औसत से तीन डिग्री कम है. नोएडा, इंदिरापुरम, दक्षिणी दिल्ली और पूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्सों में गरज और बिजली कड़कने के साथ बारिश दर्ज की गई.स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘भारी गरज और बारिश वाले बादल दिल्ली और एनसीआर में छाए हैं. पश्चिम से पूरब तक तीव्र बारिश और ओलावृष्टि संभव है. ध्यान रखें.’
बारिश की वजह से तापमान में गिरावट
एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि हल्की बारिश और ठंडी हवाओं के कारण दिल्ली का अधिकतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस तक गिर गया है.पिछले 24 घंटों में पारा 36.5 से 30.5 तक पहुंचा. न्यूनतम तापमान में भी गिरावट हो सकती है.’ मौसम विज्ञानियों को अरब सागर में संभावित चक्रवाती तूफान के पहले संकेत मिले हैं, लेकिन इसकी तीव्रता के बारे में अभी अनिश्चितता है. दक्षिण-पूर्व अरब सागर और उससे सटे लक्षद्वीप क्षेत्र में चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है.
अरब सागर में चक्रवाती तूफान के संकेत
भारत मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि इसके प्रभाव से उसी क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है. अधिकारी ने कहा, ‘फिलहाल, इसके चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना बहुत अधिक नहीं है. मॉडल पूर्वानुमानों में अब तक कोई एकरूपता नहीं है. हमें इसके लिए कुछ और दिनों तक इंतजार करना होगा, तभी स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी.’
अरब सागर में तूफान ‘तेज’ की आहट
समुद्र के गर्म तापमान के कारण बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में चक्रवातों के बनने के लिए अक्टूबर से दिसंबर अनुकूल अवधियों में से एक है. वर्ष 2022 में मॉनसून के बाद के मौसम के दौरान अरब सागर के ऊपर कोई उष्णकटिबंधीय तूफान नहीं आया. इसके विपरीत, बंगाल की खाड़ी में दो उष्णकटिबंधीय तूफान – सितारंग और मैंडौस आए. ऐसे में, अरब सागर में चक्रवात बनने के आसार अधिक हो जाते हैं.हिंद महासागर क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण के लिए अपनाए गए फॉर्मूले के अनुसार, यदि भारतीय समुद्री क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय तूफान बनता है, तो इसे ‘तेज’ नाम दिया जाएगा.