‘परख’ ने देशभर में किया अपना पहला शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण, दिल्ली और पश्चिम बंगाल सहित ये 5 राज्य नहीं हुए शामिल

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राष्ट्रीय मूल्यांकन नियामक परख द्वारा आयोजित पहले राज्य शैक्षिक उपलब्धि सर्वेक्षण में दिल्ली और पश्चिम बंगाल सहित गैर-भाजपा दलों द्वारा शासित पांच राज्य शामिल नहीं हुए।

शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, इस सर्वेक्षण का उद्देश्य स्कूली शिक्षण और सीखने में सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों की पहचान करना है। 3 नवंबर को आयोजित इस सर्वेक्षण में भारत में ब्लॉक स्तर पर कक्षा तीन, छह और नौ में छात्रों के बीच शैक्षिक दक्षताओं (educational competencies) का आकलन किया गया।

सर्वेक्षण में शामिल हुए लगभग 80 लाख छात्र
इस व्यापक सर्वेक्षण में देश भर के 5,917 ब्लॉकों के तीन लाख स्कूलों के लगभग 80 लाख छात्रों को शामिल किया गया। इसमें 6 लाख शिक्षक और 3 लाख से अधिक क्षेत्रीय जांचकर्ता भी शामिल हैं। शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इस सर्वेक्षण का प्राथमिक उद्देश्य भाषा और गणित पर प्राथमिक ध्यान देने के साथ प्रत्येक शैक्षिक चरण के अंत में छात्रों की सीखने की क्षमता, यानी बुनियादी, प्रारंभिक और मध्य स्तर पर आकलन करना शामिल है।

इन राज्यों ने सर्वेक्षण में नहीं लिया भाग
अधिकारी ने कहा कि छत्तीसगढ़, दिल्ली, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान और पश्चिम बंगाल को छोड़कर अन्य सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने सर्वेक्षण में भाग लिया। स्कूली शिक्षा सचिव संजय कुमार ने इस सर्वेक्षण को लेकर कहा कि इससे बड़ी संख्या में छात्रों की जरूरतों को पूरा करने और गहरे स्तर पर प्रदर्शन को प्रभावी ढंग से समझने के उद्देश्य से प्रेरित था। इसके अलावा, इस दृष्टिकोण में ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों के व्यावसायिक विकास कार्यक्रम भी शामिल हैं।

PARAKH द्वारा किया गया यह पहला ऐसा सर्वेक्षण
स्कूल शिक्षा के अतिरिक्त सचिव विपिन कुमार ने कहा कि विश्लेषण की बेहतरीन इकाई के रूप में शैक्षिक ब्लॉक के साथ यह मूल्यांकन, शिक्षा नीतियों, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों और शिक्षण और सीखने के समर्थन संसाधनों के निर्माण पर गहरा प्रभाव डालेगा। अधिकारियों ने बताया कि NCERT के तहत आने वाली संस्था परफॉर्मेंस असेसमेंट, रिव्यू एंड एनालिसिस ऑफ नॉलेज फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट (PARAKH) द्वारा किया गया यह पहला ऐसा सर्वेक्षण है।

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