दिल्ली मेयर शैली ओबेरॉय का फेसबुक अकाउंट हुआ हैक, एक्स पर पोस्ट साझा कर दी जानकारी
दिल्ली नगर निगम की मेयर शैली ओबेरॉय का फेसबुक पेज हैक हो गया है। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा कर दी है।
दिल्ली नगर निगम की मेयर शैली ओबेरॉय का फेसबुक पेज हैक हो गया है। इसकी जानकारी उन्होंने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा कर दी है।
उन्होंने लिखा कि मैं आप सभी को सूचित करना चाहती हूं कि मैं बीते कुछ दिनों से अपना फेसबुक पेज एक्सिस नहीं कर पा रही हूं। यह हैक हो चुका है। हम जल्द ही इसे रिकवर कर लेंगे। यदि इससे कुछ भी गलत गतिविधि होती है तो कृपया सावधान रहें।
रिपोर्ट के मुताबिक, मेयर का फेसबुक अकाउंट चार से पांच दिन पहले हैक हो गया था। अभी तक अकाउंट रिकवर नहीं हुआ है। अधिकारी ने बताया कि एक टीम अकाउंट को बहाल करने की कोशिश कर रही है, लेकिन अभी तक इसमें सफलता नहीं मिली है।
मिली जानकारी के अनुसार, अब तक अकाउंट से कोई मैसेज नहीं भेजा गया है। न ही कोई गलत गतिविधि की सूचना मिली है। अगर खाता बहाल नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज की जाएगी। मेयर का फेसबुक अकाउंट छह से सात महीने पहले भी हैक हो गया था। जिसे जल्द ही रिकवर कर लिया गया था।
ऐसे होता है फेसबुक अकाउंट हैक
फेसबुक के दुनिया में करोड़ों यूजर्स हैं। फेसबुक अपने यूजर्स की प्राइवेसी को गंभीरता से लेते हुए हर रोज नए प्राइवेसी टूल्स मुहैया कराता है। बावजूद इसके यूजर्स के फेसबुक अकाउंट हैक हो जाते हैं। किसी भी फेसबुक अकाउंट को हैक करने के लिए फिशिंग अटैक एक सरल तरीका है। हैकर्स इसी का इस्तेमाल करके अकाउंट को आसानी से हैक करते हैं।
फिशिंग अटैक के लिए हैकर्स एक फेक लॉगिन पेज बनाता है, जो बिल्कुल असली फेसबुक पेज की तरह ही दिखता है। इसके बाद, हैकर्स दूसरे यूजर को इस पर लॉग इन करने के लिए कहता है। यूजर द्वारा एक बार फेक पेज को लॉग इन करने के बाद उसके ईमेल एड्रेस और पासवर्ड को टेक्स्ट फाइल में स्टोर कर लिया जाता है। टेक्स्ट फाइल को डाउनलोड कर हैकर, यूजर के फेसबुक पेज को हैक कर लेता है। इसके अलावा कीलॉगिंग फेसबुक अकाउंट को हैक करने का सबसे सरल तरीका है।
कीलॉगिंग से फेसबुक अकाउंट कैसे होते हैं हैक?
कीलॉगर मूल रूप से एक छोटा सा प्रोग्राम है, जिसे यूजर के कंप्यूटर पर इंस्टॉल कर देने के बाद यह आपकी सारी डिटेल्स को रिकॉर्ड करता रहता है। इसके बाद, यूजर्स की डिटेल्स हैकर्स को FTP के जरिए या फिर सीधे हैकर्स के ईमेल एड्रेस में भेजी जाती है। यदि आप फेसबुक का इस्तेमाल करने के लिए HTTP (नॉन-सिक्योर) कनेक्शन का प्रयोग करते हैं, तो यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है। सेशन हाइजैकिंग के जरिए हैकर यूजर के ब्राउजर कुकी को चुराता है, जिसका इस्तेमाल वेबसाइट पर यूजर को प्रमाणित करने के लिए किया जाता है।
साथ ही, यूजर के खाते तक पहुंचने के लिए इसका इस्तेमाल करता है। अधिकांश लोग अपने मोबाइल फोन के माध्यम से फेसबुक का उपयोग करते हैं। अगर हैकर यूजर के मोबाइल फोन को हैक कर ले, तो उसे फेसबुक समेत दूसरे अकाउंट की जानकारी भी मिल जाएगी। मसलन, हैकर आसानी से यूजर के फेसबुक अकाउंट का एक्सेस प्राप्त कर सकता है। ऑनलाइन ऐसे कई सॉफ्टवेयर या ऐप्स हैं, जो आपके स्मार्टफोन पर नजर रखते हैं। सबसे लोकप्रिय मोबाइल फोन स्पाइंग सॉफ्टवेयर Mobile Spy और Spy Phone Gold है। अपने अकाउंट को हैक होने से बचाने के लिए किसी दूसरे डिवाइस से फेसबुक अकाउंट को लॉगइन न करें।