भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का विवाद बढ़ता जा रहा है.
यौन शोषण के आरोपों का सामना कर रहे WFI के पूर्व चीफ बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह को नया चीफ बनाया गया, जिसके बाद से रेसलर्स इसका विरोध कर रहे हैं. इस बीच खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है. खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) से रेसलिंग फेडरेशन के मामलों के मैनेजमेंट के लिए एडहॉक कमेटी बनाने को कहा है.
21 दिसंबर को ही WFI के चुनाव हुए थे. इसमें बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह नए चीफ बने थे. नए अध्यक्ष की जीत के बाद WFI ने 28 दिसंबर से उत्तर प्रदेश के गोंडा में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट करने की घोषणा की थी. गोंडा बीजेपी सांसद बृजभूषण का संसदीय क्षेत्र है. रेसलर्स ने टूर्नामेंट के वेन्यू को लेकर चिंता जाहिर की थी. इसके बाद ही खेल मंत्रालय का फैसला आया.
खेल मंत्रालय ने इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (IOA) की चीफ पीटी ऊषा को एक चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा है कि WFI के मामलों को नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड के मुताबिक नियंत्रित किया जाए. अगले आदेश तक IOA खिलाड़ियों की एंट्रीज, सिलेक्शन, इंटरनेशनल इवेंट्स और स्पोर्ट्स एक्टिविटी सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी निभाए. मंत्रालय ने आगे कहा कि रेसलिंग ओलिंपिक स्पोर्ट है और फेडरेशन IOA का मेंबर है. इस कारण IOA को एडहॉक कमेटी बनाने के लिए कहा गया है.
कुश्ती संघ को निलंबित किए जाने के बाद बृजभूषण शरण सिंह ने अपने संन्यास की घोषणा की. बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “मैं कुश्ती संघ से संन्यास ले चुका हूं. अब सरकार के फैसले पर जो भी बात करनी होगी, वो नई फेडरेशन करेगी. मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है. मैं सांसद हूं और अपने काम पर फोकस करूंगा.”
WFI की नवनिर्वाचित संस्था को खेल मंत्रालय के सस्पेंड किये जाने के बाद फोगाट खाप पंचायत ने चरखी दादरी में पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए एक बैठक की. उन्होंने कहा कि अगर खिलाड़ियों के साथ ज्यादती हुई, तो खाप उनके पक्ष में अग्रणी भूमिका निभायेगी.
इस बीच WFI के चीफ का चुनाव जीतने वाले संजय सिंह ने खेल मंत्रालय के एक्शन पर हैरानी जताई. उन्होंने कहा- “हमने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है. हम सरकार से WFI का सस्पेंशन रद्द करने की मांग करेंगे. अगर सस्पेंशन नहीं हटाया गया तो हम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.”
साक्षी मलिक ने शनिवार को गोंडा में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट कराए जाने को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा- “मैंने कुश्ती छोड़ दी है पर कल रात से परेशान हूं. वे जूनियर महिला पहलवान क्या करें जो मुझे फोन करके बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख से जूनियर नेशनल होने हैं और वो नई कुश्ती फेडरेशन ने नन्दनी नगर गोंडा में करवाने का फैसला लिया है.”
इससे पहले दिल्ली में गुरुवार शाम को रेसलर बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी. साक्षी मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था. उन्होंन भावुक होते हुए कहा था कि अब न्याय की कोई उम्मीद नहीं है. क्योंकि बृजभूषण का करीबी WFI चीफ बनाया गया है. उन्होंने अपने जूते उतारकर टेबल पर रख दिए और वहां से उठकर चली गई थीं.
संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद रेसलर बजरंग पूनिया ने 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोशल मीडिया के जरिए चिट्ठी लिखकर पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया था. बजरंग पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने प्रधानमंत्री आवास पर गए थे, लेकिन उन्हें अंदर जाने की परमिशन नहीं मिली. ऐसे में बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री सम्मान फुटपाथ पर रख दिया था. बजरंग के बाद गूंगा पहलवान ने भी पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया था.
इस बीच कुश्ती संघ को निलंबित किए जाने के बाद बजरंग पूनिया के पद्मश्री सम्मान वापस लिए जाने की उम्मीद जताई जा रही थी. हालांकि, पूनिया ने साफ किया कि वो पद्मश्री सम्मान वापस नहीं लेंगे.
पहलवानों ने इस साल जनवरी में WFI के तत्कालीन चीफ बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे. साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया समेत तमाम पहलवानों ने बृजभूषण पर एक्शन की मांग करते हुए जंतर-मंतर पर धरना भी दिया था. बाद में खेल मंत्रायल ने जांच कमेटी बनाई थी. हालांकि, बृजभूषण पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. बाद में दबाव बढ़ने पर बृजभूषण ने WFI चीफ के पद से इस्तीफा दे दिया.