जापान में 7.6 तीव्रता का भूकंप, 90 मिनट में 21 बार हिली धरती, सुनामी की चेतावनी

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Japan Tsunami Alert: जापान में सोमवार को पश्चिमी समुद्री क्षेत्र में भूकंप के लगातार कई तेज झटके महसूस किए गए. इसके बाद सुनामी की चेतावनी जारी की गई और लोगों से तटीय इलाकों से जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर चले जाने को कहा गया.

उत्तरी मध्य जापान में 7.6 तीव्रता का भूकंप (Japan Earthquake) आया. इससे समुद्र में सुनामी की लहरें उठने लगीं. तटों पर 1.2 मीटर ऊंची लहरें टकराईं. जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने कहा है कि सोमवार को केवल 90 मिनट के अंदर मध्य जापान में 4.0 तीव्रता या उससे अधिक तीव्रता वाले 21 भूकंप आए.

जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने इशिकावा, निगाटा और टोयामा प्रान्त के तटीय क्षेत्रों में सुनामी की चेतावनी (Tsunami Warming) जारी की. मौसम एजेंसी के अनुसार, भूकंप के कारण इशिकावा प्रान्त में नोटो तक 5 मीटर तक ऊंची लहरें पहुंची.

कई मीटर तक ऊंची लहरें उठने के बाद सुनामी की आशंका के बीच तटीय इलाकों में बसे लोगों को सुरक्षित स्‍थानों पर जाने का निर्देश दिया गया. रेस्‍क्‍यू टीमें भी संभावित सुनामी क्षेत्रों में पहुंची.

जापान के पब्लिक ब्रॉडकास्टर एनएचके की रिपोर्ट के अनुसार, इशिकावा प्रान्त में वाजिमा शहर के तट पर 1 मीटर से अधिक ऊंची लहरें उठीं. रिपोर्ट के अनुसार, होकुरिकु इलेक्ट्रिक पावर ने कहा कि वो अपने परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में किसी भी अनियमितता की जांच कर रहे हैं.

हवाई स्थित प्रशांत सुनामी चेतावनी केंद्र ने कहा कि जापान तट पर भूकंप के केंद्र के 300 किलोमीटर (190 मील) के भीतर खतरनाक सुनामी लहरें संभव हैं. जेएमए ने कहा कि जापान के मुख्य द्वीप होंशू के जापान सागर की ओर स्थित नोटो क्षेत्र में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी शुरुआत स्थानीय समयानुसार शाम 4:06 बजे 5.7 तीव्रता के झटके से हुई.

इसके बाद शाम 4:10 बजे 7.6 तीव्रता का भूकंप, 4:18 बजे 6.1 तीव्रता का भूकंप, 4:23 बजे 4.5 तीव्रता का भूकंप, 4:29 बजे 4.6 तीव्रता का भूकंप और शाम 4:32 बजे 4.8 तीव्रता का भूकंप आया. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा कि इसके तुरंत बाद 6.2 तीव्रता का एक और भूकंप आया.

जापान के न्‍यूज चैनल एनएचके पर एक एंकर ने दर्शकों से कहा, “हमें अहसास है कि आपका घर, आपका सामान सभी आपके लिए कीमती हैं, लेकिन आपका जीवन बाकी सभी चीजों से ऊपर महत्वपूर्ण है, इसलिए जितना संभव हो सके उतनी ऊंची जमीन की ओर जाएं.”

जापान में सख्त निर्माण नियम हैं, जिसका उद्देश्य ये सुनिश्चित करना है कि इमारतें मजबूत भूकंपों का सामना कर सकें. बड़े झटकों की तैयारियों के लिए नियमित रूप से आपातकालीन एक्‍सरसाइज भी की जाती है.

मार्च 2011 में पूर्वोत्तर जापान में समुद्र के नीचे 9.0 तीव्रता का भीषण भूकंप आया था. इसके बाद सुनामी आई और लगभग 18,500 लोग मारे गए या लापता हो गए. 2011 की सुनामी ने फुकुशिमा परमाणु संयंत्र में तीन रिएक्टरों को भी बर्बाद कर दिया था.

2011 की सुनामी जापान की युद्ध के बाद की सबसे खराब आपदा और चेरनोबिल के बाद सबसे गंभीर परमाणु दुर्घटना थी. वहीं, मार्च 2022 में, फुकुशिमा के तट पर 7.4 तीव्रता के भूकंप ने पूर्वी जापान के बड़े क्षेत्र को हिला दिया था, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी.

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