Weather Updates: हिमाचल से कश्मीर तक बर्फबारी से बढ़ी रौनक, कई राज्यों में दो दिन तक बारिश का अलर्ट! जनजीवन प्रभावित

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दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान व बिहार के साथ ही हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर में कुछ इलाकों में रविवार को झमाझम तो कुछ में बूंदाबादी हुई।

बारिश से तापमान नीचे आने से सर्दी तो बढ़ी, मगर इससे रबी की फसलों को फायदा हुआ। कुछ राज्यों में आगामी एक-दो दिनों में भी बारिश के आसार हैं। पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित हुआ है।

पर्यटन स्थलों पर बढ़ी रौनक
पश्चिमी विक्षोभ के असर से मध्य प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला और कुछ जगह बूंदाबांदी हुई। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर में वर्षा व हिमपात ने लोगों की परेशानियां बढ़ाईं। हालांकि, पर्यटन स्थलों पर रौनक बढ़ी है। हिमाचल के कुछ जिलों में हिमपात, आंधी व ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया गया है।

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में लालचौक समेत प्रमुख स्थलों पर बर्फ की चादर बिछ गई है। श्रीनगर हवाई अड्डे के रनवे पर बर्फ की परत जम जाने से सभी उड़ानों को रद करना पड़ा। मां वैष्णो देवी भवन व आधार शिविर कटड़ा में दिनभर हल्की बारिश होने से हेलीकाप्टर सेवा स्थगित रही।

बर्फबारी के चलते कई मार्ग बंद
उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में चार फीट बर्फबारी रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा, बदरीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, तुंगनाथ, औली, हेमकुंड साहिब, हर्षिल, मुनस्यारी समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही थी। केदारनाथ में तापमान शून्य से 17 डिग्री नीचे तक बना हुआ है। गोपेश्वर-चोपता-ऊखीमठ हाईवे, बदरीनाथ हाईवे और औली मार्ग बर्फबारी के कारण बंद है। पिथौरागढ़ जिले के रातापानी से पातलथौड़ तक हिमपात होने से थल-मुनस्यारी मार्ग बंद हो गया है। यहां बड़ी संख्या में वाहन फंसे हैं।

पंजाब में कई जिलों में शनिवार देर रात को शुरू हुई वर्षा का सिलसिला रविवार को भी दिनभर जारी रहा। सोमवार को पंजाब के कई जिलों में सुबह धुंध पड़ सकती है। मंगलवार से मौसम पूरी तरह से साफ रहने का अनुमान है। बिहार में पटना समेत कई जिलों में बादल छाए रहे और बूंदाबांदी भी हुई। बिहार के 18 शहरों में हल्की वर्षा, वज्रपात व मेघ गर्जन को लेकर अलर्ट जारी किया गया था।

फसलों के लिए रामबाण हैं वर्षा की बूंदें
वर्षा का रबी फसलों पर अच्छा असर पड़ेगा, क्योंकि इस समय फसलों को सिंचाई की जरूरत होती है। गेहूं, सरसों, आलू, व टमाटर सहित तमाम फसलों को अभी पानी की सख्त जरूरत थी। मौसम विज्ञानी डा. एसएन सुनील पांडेय ने बताया,

सोमवार के बाद एक बार फिर कड़ाके की सर्दी का दौर शुरू होगा। ऐसे में दो दिन तक होने वाली बारिश से फसलों को लाभ मिलेगा और सर्दी का प्रकोप झेलने के लिए पौधे तैयार रहेंगे।

उधर, पहाड़ी राज्यों में सेब की फसल के लिए हिमपात को लाभकारी माना जा रहा है। चिलिंग आवर्स पूरे होने की संभावना बढ़ गई है।

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