सेना के जवान को निर्वस्त्र करने, थप्पड़ मारने को लेकर चंडीगढ़ पुलिस को हाई कोर्ट का नोटिस

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चंडीगढ़ के एक पुलिस थाने में कथित तौर पर निर्वस्त्र किये जाने एवं थप्पड़ मारे जाने के बाद सेना के एक जवान ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का रुख किया है.

वह उससे अलग रह रही अपनी पत्नी से मिलने के लिए पुलिस थाने में गया था. जवान के कमांडिंग ऑफिसर ने चंडीगढ़ पुलिस प्रमुख को लिखे पत्र में कहा कि इस घटना से वह गुस्से में हैं. नायक अरविंदर सिंह की याचिका पर उच्च न्यायालय ने चंडीगढ़ पुलिस और अन्य को नोटिस जारी किया तथा पुलिस थाने की सीसीटीवी फुटेज संरक्षित रखने के निर्देश दिए. अदालत ने विषय को 21 फरवरी के लिए सूचीबद्ध कर दिया.

सिंह के कमांडिंग ऑफिसर 10वीं कोर सिग्नल रेजिमेंट से हैं. अधिकारी ने चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक को भी पत्र लिखकर दावा किया कि घटना के चलते सेवारत सैनिक को मानसिक सदमा लगा है. उन्होंने घटना की जांच की मांग करते हुए कहा कि इस घटना को लेकर वह काफी गुस्से में हैं क्योंकि इससे न केवल व्यक्ति (जवान) का, बल्कि पूरी सेना का अपमान हुआ है.

अपनी याचिका में, बठिंडा में तैनात नायक अरविंदर सिंह ने कहा कि उनकी शादी मनप्रीत कौर से हुई थी, जो चंडीगढ़ पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात थी. दंपति का 7 साल का एक बेटा है और वे अलग रहते हैं. पिछले साल 12 नवंबर को, याचिकाकर्ता अपने बेटे से मिलने के लिए मोहाली के मुल्लांपुर गरीबदास इलाके में आये थे, जहां वह अपनी मां के साथ रहता है.

सिंह ने कहा कि एक उप निरीक्षक वहां आया और उन्हें मुल्लांपुर गरीबदास पुलिस थाने ले गया, जहां उसने उनका अपमान किया और धमकी दी. उनकी पत्नी ने उनसे कहा कि अगर वह अपने बेटे से मिलना चाहते हैं तो उन्हें सेक्टर 11 स्थित पुलिस थाने में आना होगा. सिंह की शिकायत के मुताबिक, उनपर एनडीपीएस कानून और शस्त्र अधिनियम की प्राथमिकी दर्ज करने की धमकी दी गई. सिंह ने कहा कि सेक्टर 11 पुलिस थाने के प्रभारी के आदेश पर उन्हें कोरे कागज पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया और अपने कपड़े उतारने के लिए कहा गया.

उन्होंने बताया कि विरोध करने पर उनकी पिटाई की गई और पगड़ी हटा दी गई. जवान ने कहा कि पुलिस ने उनका निर्वस्त्र अवस्था में एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया और उनसे कहा कि वह अपनी पत्नी और बेटे से दूर रहें, अन्यथा वह वीडियो को ऑनलाइन अपलोड कर देगी. सिंह ने कहा कि उन्होंने इस मामले में कार्रवाई करने के लिए चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा था लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला.

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