इजरायली हमले में रफाह में 37 और फलस्तीनियों की मौत, अमेरिका सहित कई देशों ने दे डाली इजरायल को चेतावनी
इजरायली सेना लगातार रफाह के केंद्र की ओर बढ़ रही है। इजरायली सेना ने दूसरे दिन भी सोमवार रात भर गोले बरसाए, इसमें कम से कम 37 फलस्तीनियों की मौत हो गई।
रफाह में तीन सप्ताह के जमीनी युद्ध के बीच बख्तरबंद गाड़ियों और मशीनगनों से लैस इजरायली टैंक मंगलवार को पहली बार रफाह के केंद्र अल अवसा मस्जिद के पास देखे गए।
रफाह क्षेत्र में जारी है अभियानः इजरायली सेना
वहीं, इजरायल सेना ने इस पर कोई टिप्पणी किए बिना कहा कि रफाह क्षेत्र में उसका अभियान जारी है। इजरायली सेना द्वारा मई की शुरुआत से रफाह को निशाना बनाने के बाद से करीब 10 लाख लोगों को यहां से भागना पड़ा है। ये लोग पहले से ही गाजा के विभिन्न क्षेत्रों से विस्थापित होकर मिस्र से सटे इस क्षेत्र में सुरक्षा की चाह में आए थे।
रविवार को हुई थी 45 लोगों की मौत
गाजा के स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली सेना ने इसी क्षेत्र में रविवार को भी हवाई हमले किए थे, जिसमें 45 फलस्तीनियों की जान गई थी। इजरायल ने ये हवाई हमले हमास के मिसाइल हमले के जवाब में किए थे। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे दुखद घटना बताते हुए इसके जांच के आदेश दिए थे। लेकिन उत्तर-पश्चिमी रुफाह में तेल अल-सुल्तान में सोमवार रात फिर हमला कर दिया, जिसमें 16 फलस्तीनियों की मौत हो गई।
इजरायल ने कहा है कि यह गाजा-मिस्र सीमा पर एक सीमित कार्रवाई थी। लेकिन स्थानीय लोगों ने रात भर भीषण गोलाबारी की बात कही। गाजा शहर के निवासी और रफाह के तेल अल-सुल्तान में बीते दिसंबर से शरण लिए अब्देल-रहमान अबू इस्माइल ने इसे रात का आतंक बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने रात भर और मंगलवार सुबह भी लड़ाकू जेट और ड्रोन की आवाज सुनीं।
अमेरिका और इजरायल के अन्य सहयोगियों ने दी चेतावनी
अमेरिका और इजरायल के अन्य सहयोगियों ने इजरायल को इस तरह बेगुनाहों की जान लेने पर चेतावनी दी है। शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने रफाह पर हमले रोकने को कहा था। लेकिन ये आदेश बाध्यकारी नहीं हैं।
इजरायल पीएम ने फिर लिया ये संकल्प
इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने संकल्प लिया है कि इजरायली सेना रफाह में हमास को खत्म कर देगी। दबाव डालकर सात अक्टूबर को हमास आतंकियों द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई सुनिश्चित करेगे। 100 से अधिक लोग अभी भी हमास के कब्जे में हैं।