वाराणसी में तेजी से गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. इस वजह से वाराणसी में 84 घाटों का संपर्क टूट गया है.
लगातार बढ़ रहे गंगा के स्तर को देखते हुए महाश्मशान, मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर पानी के बढ़ाल के चलते शवदाह का भी स्थान बदल दिया गया है. वहीं अस्सी घाट से राजघाट तक 84 घाटों के किनारे प्राचीन हनुमान मंदिर, शूलटंकेश्वर मंदिर सहित सैकड़ों मंदिरोों में गंगा का पानी घुस गया है.
घाट किनारे पंडा, पुजारी और नाविक गंगा के जलस्तर में तेजी हो रही वृद्धि को देखते हुए अपने सामानों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं. हरिश्चंद्र घाट पर जलस्तर इतना बढ़ गया है कि वो मसाननाथ मंदिर को छूने लगा है. वहीं गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि को देखते हुए वरुणा में हलचल बढ़ गई है. इस वजह से जिला प्रशासन की ओर से भी निगरानी बढ़ा दी गई है.
गंगा में डूबी पूजा-पाठ करने वालों की चौंकियां
गंगा में उफान की स्थिति उत्पन्न होने के कारण घाटों पर पूजा-पाठ करने वाले पुजारियों और पुरोहितों की चौकियां डूब गई हैं. दशाश्वमेध घाट पर कई पुजारियों की चौकी पानी में डूब गई हैं और इस वजह से घाटों से पुजारियों को हटाया जा रहा है. पिछले 36 घंटों में गंगा का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ा है और इस वजह से घाट के आसपास की व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही है और साथ ही लोगों का जीवन भी गंगा का जल स्तर बढ़ जाने के कारण बहुत प्रभावित हो रहा है.