केरल के वायनाड में दो दिन पहले हुए भूस्खलन में मृतकों की संख्या बढ़कर 291 हो गई है, जबकि 202 लोग अब भी लापता हैं.
राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने यहां आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्रों तथा चलियार नदी से बहुत सारे मानव अंग बरामद किए गए हैं. मृतकों का पता लगाने के लिए आनुवंशिक परीक्षण किए जाने की आवश्यकता होगी.
मंत्री ने बताया कि विभिन्न एजेंसियों और सशस्त्र बलों के 1,300 कर्मियों ने भारी मशीनरी की मदद के बिना, बारिश, हवा और कठिन भूभाग का सामना करते हुए क्षेत्र में संयुक्त खोज और बचाव अभियान चलाया. उन्होंने कहा, ‘‘अब बेली ब्रिज बन चुका है और हम खोज एवं बचाव कार्यों में सहायता के लिए भारी मशीनरी भेजने में सक्षम हैं.”
राजन के मुताबिक, जिले के 9,328 लोगों को 91 राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है. उन्होंने बताया कि इनमें से चूरलमाला और मेप्पाडी में भूस्खलन के कारण विस्थापित हुए 578 परिवारों के 2,328 लोगों को नौ राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
मंत्री ने बताया कि शुक्रवार को पुलिस, स्थानीय स्वयंसेवक, नौसेना, तटरक्षक बल और वन विभाग के कर्मी भी चलियार नदी के किनारे शवों की तलाश करेंगे. इस बीच, मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में बताया कि मलाप्पुरम से होकर बहने वाली चलियार नदी के हिस्से से मिले 143 शव और मानव शरीर के अंगों को वायनाड लाया गया है.
बयान के मुताबिक, अब तक मलप्पुरम जिले से 58 शव और 95 मानव शरीर के अंग बरामद किए गए हैं. वायनाड जिला प्रशासन ने एक बयान में कहा कि 190 मृतकों में 27 बच्चे और 76 महिलाएं शामिल हैं. उसने यह भी बताया कि कि मानव शरीर के अंगों सहित 279 पोस्टमॉर्टम पूरे हो चुके हैं और 107 शवों की पहचान हो चुकी है.
जिला प्रशासन के मुताबिक, अब तक मलबे के नीचे से मानव शरीर के 100 अंग बरामद किए गए हैं. इसने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों से 225 लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया जिनमें से 96 का अब भी इलाज चल रहा है.