भूकंप के झटकों से दहला असम और जम्मू-कश्मीर, घरों से बाहर आए लोग; पढ़ें कितनी रही तीव्रता

0 115

भूपंक के झटकों से एक बार फिर देश की धरती हिली है। जम्मू-कश्मीर के डोडा और असम के उदलगुड़ी में रविवार को भूकंप के झटके लगे। जम्मू में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4 मैग्नीट्यूड रही वहीं असम में यह 4.2 मैग्नीट्यूड रही।

घरों से बाहर आ गए लोग
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है, “डोडा जिले में सुबह 6.14 बजे रिक्टर पैमाने पर 4 तीव्रता का भूकंप आया। भूकंप धरती की सतह से 15 किलोमीटर अंदर आया। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक कहीं से भी किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान पहुंचने की कोई खबर नहीं है। हालांकि, लोग दहशत में आकर घरों से बाहर आ गए।

जम्मू-कश्मीर में तेजी से आ रहे भूकंप
जम्मू-कश्मीर के चिनाब घाटी क्षेत्र में अलग-अलग तीव्रता के भूकंप आते रहे हैं, जिसमें डोडा, किश्तवाड़, रामबन और रियासी जिले शामिल हैं। पिछले पांच से सात सालों में इन भूकंपों की आवृत्ति में वृद्धि हुई है। यहां पहले भी भूकंपों ने कहर बरपाया है।

भूकंप के लिए संवेदनशील क्षेत्र है घाटी
कश्मीर घाटी भूकंपीय दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है। 8 अक्टूबर 2005 को रिक्टर पैमाने पर 7.6 तीव्रता का भूकंप जम्मू-कश्मीर में आया था। 2005 के भूकंप का केंद्र पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) के मुजफ्फराबाद शहर से 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में स्थित था। भूकंप ने उत्तरी पाकिस्तान, उत्तरी भारत और अफगानिस्तान में भारी तबाही मचाई थी।

इस दौरान जम्मू-कश्मीर के कई गांव पूरी तरह से तबाह हो गए। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और श्रीनगर, बारामुल्ला जिलों सहित कश्मीर घाटी के विभिन्न शहरों में कम से कम 32,335 इमारतें ढह गईं थीं। आधिकारिक तौर पर पीओके और पाकिस्तान के एनडब्ल्यूएफपी में मरने वालों की संख्या 79000 थी।

हालांकि अन्य स्रोतों ने इसे 86,000 बताया और घायलों की संख्या 69,000 से ज्यादा होने का अनुमान था। जम्मू-कश्मीर में कम से कम 1350 लोग मारे गए थे और 6266 घायल हुए और भूकंप के झटके 1000 किलोमीटर दूर दिल्ली तक महसूस किए गए थे।

भूकंप से बचने के लिए क्या करें और क्या नहीं
अगर भूकंप से समय पर आप घर में हैं तो सबसे पहले जमीन पर बैठ जाएं।
किसी भी टेबल के नीचे बैठकर हाथ से सिर को ढक लें। भूकंप के झटके आने तक घर में ही रुकें, बाद में बाहर निकलें।
भूकंप के समय अगर आप बाहर है तो ऊंची इमारत या बिजली के खंभों से दूर रहें।

Leave A Reply

Your email address will not be published.