Delhi Pollution: हवा हुई ‘बेहद खराब’, धुंध की चादर में लिपटा एनसीआर, राजधानी में GRAP-2 लागू

0 30

ठंड की शुरुआत से पहले ही राजधानी दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.

दिल्ली की हवा बेहद खराब स्तर तक पहुंच गयी है. पूरे एनसीआर में एक धुंध की चादर देखने को मिल रही है. सरकार की तरफ से GRAP-2 लागू कर दिया गया है. : जानलेवा प्रदूषण से घिरी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 23 अक्टूबर को रात में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 335 दर्ज किया गया है जो कि बहुत खराब श्रेणी का है.

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने दिल्ली में वायु गुणवत्ता के बिगड़ते स्तर के बीच सोमवार को जीआरएपी के दूसरे चरण को लागू किया, जिसमें कोयले और लकड़ी के साथ-साथ डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया और पार्किंग शुल्क भी बढ़ा दिया गया. ये प्रतिबंध मंगलवार सुबह आठ बजे से प्रभावी हो गए हैं.

लुटियंस दिल्ली क्षेत्र में पार्किंग शुल्क दोगुना
राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते वायु प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए एक और कदम उठाते हुए नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने लुटियंस दिल्ली क्षेत्र में अपने पार्किंग शुल्क को दोगुना कर दिया है. एनडीएमसी के आदेश में कहा गया है, ‘‘जलवायु परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के दूसरे चरण के निरस्त होने तक एनडीएमसी द्वारा प्रबंधित पार्किंग के लिए पार्किंग शुल्क (ऑफ रोड/इनडोर) को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है.”

इसमें कहा गया है कि सड़क पर पार्किंग स्थलों और पार्किंग के लिए मासिक पास धारकों के लिए शुल्क में वृद्धि लागू नहीं की जाएगी. एनडीएमसी ने आदेश के लिए तत्काल प्रभाव से सख्त अनुपालन का निर्देश दिया है.

ग्रैप क्या होता है?
एयर पॉल्यूशन के बढ़ने के बाद Graded Response Action Plan (GRAP) लागू की जाती है. ग्रैप का पहला चरण AQI 201 से 300 तक रहता है. दूसरा चरण AQI 301 से 400 तक रहता है. फिर तीसरा चरण AQI 401 से 450 तक रहता है. अगर AQI 450 से ज्यादा हो गया तो ग्रैप-4 लागू हो जाता है.हालांकि इसके अलावा इसे लागू सरकार की तरफ से ही लागू की जाती है. जब तक सरकारी आदेश लागू नहीं होते हैं तब तक इसे लागू नहीं किया जाता है. इसके तहत कई तरह के प्रतिबंध होते हैं.

ग्रैप 2 के तहत होती है क्या-क्या पाबंदी?
ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण यानी ग्रैप-2 के तहत कई पाबंदियां लागू की जाती हैं.

औद्योगिक गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती है: कई तरह के उद्योगों को बंद करने या उनकी गतिविधियों को सीमित करने के आदेश दिए जाते हैं, खासकर जो अधिक प्रदूषण फैलाते हैं.निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी जाती है: निर्माण कार्य को रोक दिया जाता है, क्योंकि इससे धूल और अन्य कण वायुमंडल में मिलते हैं. जिसका सीधा असर वायु की गुणवक्ता पर होता है.वाहनों पर प्रतिबंध: निजी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध सरकार लगा् सकती है और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जाता है. कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध: कोयले से चलने वाले थर्मल पावर प्लांट्स को बंद कर दिया जाता हैकूड़े के निस्तारण को लेकर सख्त नियम लागू किए जाते हैं: कूड़े के खुले में जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया जाता है. स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया जाता है: बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश भी प्रशासन की तरफ से दी जा सकती है.

Leave A Reply

Your email address will not be published.