Bihar Weather: दीवाली में कैसा रहेगा मौसम? IMD के पूर्वानुमानों ने बढ़ाई टेंशन, पढ़ें बारिश को लेकर ताजा अपडेट
चक्रवात तूफान दाना के कमजोर होने के बाद मौसम में बदलाव आया है। दिन-रात के तापमान में छह डिग्री का अंतर बना हुआ है।
दिन की तुलना में रात में हल्की ठंड महसूस होने लगी है। बादलों की आवाजाही बने होने के साथ ठंडी हवा के प्रवाह से न्यूनतम तापमान में भी गिरावट आई है। मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार दीपावली तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। बादलों की आवाजाही बने होने के साथ प्रदेश में कहीं छिटपुट वर्षा तो कहीं बूंदाबांदी का प्रभाव बना रहेगा। उत्तर बिहार की तुलना में पटना सहित दक्षिणी भागों का मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।
असम व इसके आसपास चक्रवातीय परिसंचरण का प्रभाव बना हुआ है। इनके कारण पूर्वी व दक्षिणी भागों में हल्की वर्षा की संभावना है। पूर्वी व उत्तर पूर्वी हवा पांच से 10 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती रहेगी। मौसम में ठंडापन बना रहेगा। ग्रामीण व नदी वाले इलाकों में अन्य जगहों की तुलना में अधिक ठंड लोगों को महसूस होगा।
इन जिलों में हुई वर्षा
मौसम में आए बदलाव के कारण प्रदेश के अधिसंख्य भागों में हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा दर्ज की गई। बीते 24 घंटों के दौरान राजधानी समेत लखीसराय, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, शेखपूरा, बेगूसराय, किशनगंज समेत अन्य जिलों में वर्षा दर्ज की गई।
राजधानी में में 7.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई। जबकि, सदर मुंगेर में सर्वाधिक वर्षा 84.0 मिमी दर्ज हुई। वहीं, भागलपुर के कोलगांव में 40.8 मिमी, मुंगेर में 37.0 मिमी, नौबतपुर में 32.0 मिमी, भागलपुर के सुल्तानगंज में 24.2 मिमी व खगड़िया में 23.0 मिमी वर्ष दर्ज की गई।
रविवार को पटना सहित आसपास इलाकों में बादल छाए रहने के साथ कुछ जगहों पर बूंदाबांदी का प्रभाव रहा। रविवार को पटना का अधिकतम तापमान 1.4 डिग्री गिरावट के साथ 29.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
प्रमुख शहरों का तापमान
शहर | अधिकतम | न्यूनतम |
पटना | 29.7 | 23.2 |
गया | 29.7 | 25.1 |
भागलपुर | 29.7 | 23.2 |
मुजफ्फरपुर | 30.2 | 25.0 |
दाना तूफान की वर्षा से किसान को कही राहत तो कहीं परेशानी
बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान दाना का असर भोजपुर जिले के खरीफ फसल पर रविवार को स्पष्ट दिखा। जिन धान के खेतों को फसल को सिंचाई के पानी का इंतजार था, वहां के किसान वर्षा से निहाल हो गए।
वहीं जिन इलाकों में कम अवधि वाले धान की फसल लगाई गई थी और उनकी फसल में दाना आ गया था, वह गिर गया है। ऐसे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। शनिवार की देर रात शुरू हुई वर्षा रविवार की पूर्वाह्न नौ बजे तक रुक-रुक कर होती रही।
मौसम विभाग के अनुसार करीब 34 एमएम वर्षा हुई। वर्षा के बाद अगले कई दिनों स तक खेतों में नमी रहने के चलते रबी फसलों की बुआई में भी देर हो के सकती है।
आरा सदर प्रखंड के बीरमपुर गांव के किसान श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि रात की वर्षा से इलाके के पांच हजार एकड़ से अधिक धान की फसल गिर गई है। अगर यही हालत रही तो धान की फसल बुरी तरह बर्बाद हो जाएगी। वहीं जहां आलू की बुआई की गई थी, उसमें वर्षा का पानी जम गया है। इससे आलू का बीज सड़ जाएगा।
इससे भी किसानों को खाद व बीज की भारी क्षति हुई। वहीं उदवतंनगर, जगदीशपुर, बिहिया, शाहपुर के जिस इलाके में धान की फसल को पानी का इंतजार था, उसके लिए राहत बनकर वर्षा का पानी बरसा।
कृषि वैज्ञानिक प्रो. पीके द्विवेदी ने बताया कि कम अवधि वाले काजल प्रजाति के धान की फसल जो अब तैयार थी, वर्षा के पानी से गिर गई है। मौसम ठीक होने पर खास क्षति नहीं होगी। वहीं हालिया आलू की बुआई वाले खेत को काफी नुकसान हो सकता है।