कानपुर में ढहा 150 साल पुराने ऐतिहासिक गंगापुल का एक हिस्सा, अंग्रेजों के जमाने में हुआ था निर्माण

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कानपुर से उन्नाव को वाया शुक्लागंज जोड़ने वाला पुराने गंगापुल का कानपुर की ओर कोठी से जुड़ा हिस्सा मंगलवार की सुबह ढह गया।

पल की जर्जर स्थिति को देखते हुए करीब 2 साल पहले आवागमन पर रोक लगा दी गई थी। स्कूल को संरक्षित करने की बात चल रही थी। लेकिन इसे तोड़ा जाएगा या संरक्षित किया जाएगा इसे लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है। अंग्रेजों के जमाने का यह पुल काफी चर्चित रहा है। इसमें पैदल यात्रियों के चलने के लिए नीचे रास्ता बना था जबकि ऊपर गाड़ियां दौड़ती थी। कई फिल्म की शूटिंग इस पुल पर हुई है। कानपुर कनकैया नीचे बहती गंगा मैया, यह प्रसिद्ध

लाइन इसी पुल को लेकर कही गई थी।
कानपुर छोर की ओर पुराने गंगापुल की नौ व दस नंबर कोठी के बीच का हिस्सा गिरा
कानपुर छोर की ओर पुराने गंगापुल की नौ व दस नंबर कोठी के बीच का हिस्सा भोर पहर गंगा नदी में गिर गया। गंगा स्नान करने पहुंचे लोगों ने जब गिरे हुए पुल के हिस्से को देखा तो अफरा तफरी मच गई । मौके पर अबतक किसी विभाग का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा है।

बता दें कि सन् 1875 में अंग्रेजों के जमाने में बनाया गया यातायात पुल 146 वर्ष तक चलने के बाद बीती 5 अप्रैल वर्ष 2021 में रात 12:06 बजे जर्जर घोषित होने के बाद यातायात के लिए बंद कर दिया।

लोक निर्माण विभाग कानपुर के तत्कालीन अधिशासी अभियंता मुकेश चंद्र शर्मा ने तत्कालीन डीएम कानपुर आलोक तिवारी को रिपोर्ट दी थी कि शुक्लागंज का पुराना गंगापुल अब यातायात के लायक नहीं बचा है। जिस पर डीएम ने उसे बंद करा दिया था। यह पल दो मंजिला था। नीचे पैदल यात्री व साइकिल सवार चलते थे, जबकि ऊपर गाड़ियां दौड़ती थी। इस पुल पर कई फिल्मों की शूटिंग हुई। कानपुर कनकैया, नीचे बहती गंगा मैया, यह प्रसिद्ध उक्ति इसी पल को लेकर कही गई थी।

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