बांग्लादेश में बढ़ती हिंसा के खिलाफ भारत में प्रदर्शन तेज, इस्कॉन ने जारी की ये जरूरी एडवाइजरी

0 16

बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा की खबरों ने भारत की परेशानी बढ़ा दी है.

बांग्लादेश में बिगड़े हालातों के बीच पश्चिम बंगाल के कोलकाता स्थित अंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) के वकील राधारमण दास ने सोमवार को दावा किया कि चिन्मय कृष्ण दास का एक कानूनी मामले में बचाव करने वाले अधिवक्ता रमन रॉय पर बर्बर हमला किया गया है, जिसके बाद से उनकी हालत बेहद गंभीर है. दास के अनुसार, पड़ोसी देश में कट्टरपंथियों ने रॉय के घर में घुसकर तोड़फोड़ की और उन पर हमला किया. उन्होंने कहा कि रॉय का एकमात्र ‘‘कसूर” था कि उन्होंने अदालत में चिन्मय कृष्ण दास का बचाव किया था. इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता ने दावा किया कि इस हमले में रॉय गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और वह फिलहाल आईसीयू में हैं.

बांग्लादेश में बिगड़ते हालात पर भारत में प्रदर्शन
बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े लोगों की गिरफ्तारी के विरोध में सोमवार को कोलकाता में BJP के बड़े नेता सुवेंदु अधिकारी के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया. ये प्रदर्शन भारत-बांग्लादेश सीमा पर पेट्रापोल के करीब किया गया. वहीं उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में रैली की. उद्धव ठाकरे गुट ने बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा की मांग की है. शिवसेना डोगरा फ्रंट ने जम्मू में प्रदर्शन किया और भारत में बांग्लादेश के उच्चायोग को बंद करने की मांग की. भारत ने कहा है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए. भारत ने चरमपंथी बयानबाजी के बढ़ते उछाल और हिंदुओं के खिलाफ लगातार हिंसा की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त की है.

ममता बनर्जी ने शांति मिशन तैनात करने की मांग की
बांग्लादेश की अभी की स्थिति पर चिंता जताते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को केंद्र से पड़ोसी देश में शांति मिशन तैनात करने के लिए संयुक्त राष्ट्र से संपर्क करने की मांग की है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वहां से सताए गए भारतीयों को वापस लाने के लिए हस्तक्षेप करने की अपील भी की. ममता बनर्जी ने ये भी मांग की कि विदेश मंत्री को बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर भारत के रुख से संसद को अवगत कराना चाहिए. उन्होंने कहा, “अगर प्रधानमंत्री मोदी खुद ये काम करने के लिए मौजूद नहीं होते हैं, तो विदेश मंत्री का बयान वर्तमान शीतकालीन सत्र के दौरान आना चाहिए.”

बढ़ती हिंसा का असर बॉर्डर पर भी
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा का असर बॉर्डर पर भी देखा जा रहा है. बांग्लादेश से लगती फुलबारी सीमा के पास दक्षिण दिनाजपुर में तनाव को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चौक चौबंद कर दी गई है. त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में भी प्रदर्शन हुए. सोमवार को एक विशाल रैली निकाली गई. इस दौरान प्रदर्शकारियों ने इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास की तत्काल रिहाई और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को रोकने की मांग की. यह रैली विश्व हिंदू परिषद (विहिप) से संबद्ध हिंदू संघर्ष समिति के बैनर तले बांग्लादेश सहायक उच्चायुक्त कार्यालय के पास निकाली गई.

बांग्लादेश में चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद कुछ और लोगों को भी पकड़ा गया है. इससे लोगों में नाराजगी है. इस बीच बांग्लादेशी सहायक उच्चायोग के परिसर में कथित तौर पर 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों ने प्रवेश किया, जिससे परिसर में मौजूद लोगों में चिंता पैदा हो गई. इस मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा, “अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग में परिसर में घुसपैठ की घटना बेहद खेदजनक है. सरकार बांग्लादेश उच्चायोग और भारत में देश के अन्य मिशनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कार्रवाई कर रही है.

त्रिपुरा में बांग्लादेशी पर्यटकों को कमरा नहीं
भारत-बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंधों में तनाव के बीच भारत के इस पूर्वोत्तर राज्य के ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर यह ऐलान किया है. ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन ने बयान में कहा कि कोई भी होटल बांग्लादेशी पर्यटकों को कमरे नहीं देंगे और रेस्तरां उन्हें भोजन नहीं देंगे. यह बयान ऐसे दिन आया है जब सैकड़ों लोगों ने बांग्लादेश में हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के विरोध में त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में बांग्लादेशी मिशन के आसपास एक विशाल रैली निकाली.

असम व्यापार संगठन ने सुतारकंडी का निर्यात रोका
बांग्लादेश में अशांति और देश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार की खबरों के बीच, असम के श्रीभूमि जिले के निर्यातक और आयातक संघ ने सुतारकंडी बंदरगाह के जरिए से बांग्लादेश के साथ सभी व्यापार को निलंबित करने का फैसला किया है. श्रीभूमि के निर्यातक और आयातक संघ के नेता इमदादुल हक चौधरी ने एएनआई को बताया कि यह निर्णय 1 दिसंबर को हुई बैठक के दौरान लिया गया. चौधरी ने कहा कि हमने देश में अशांति के कारण सुतारकंडी भूमि बंदरगाह के माध्यम से बांग्लादेश के साथ सभी व्यापार को निलंबित करने का फैसला किया है. जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती, तब तक सभी व्यापारिक गतिविधियां रोक दी जाएंगी. इस बंदरगाह के माध्यम से प्रतिदिन पत्थर, चावल, कोयला और ताजे फल ले जाने वाले कई ट्रक बांग्लादेश को भेजे जाते हैं. हालांकि इस निर्णय से काफी नुकसान होगा, लेकिन हमारा मानना ​​है कि जब तक स्थिति में सुधार नहीं होता, तब तक यह आवश्यक है.”

खचाखच भर ढाका जा रही बसें
कोलकाता से ढाका जाने वाली बसें खचाखच भरी हुई हैं, जबकि बांग्लादेश से आने वाली बसें आधी खाली आ रही है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को दो अंतरराष्ट्रीय सीधी बसें सुबह 6.30 बजे और 7 बजे ढाका के लिए रवाना हुईं, जबकि बांग्लादेश रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (बीआरटीसी) की आखिरी बस दोपहर 1.15 बजे रवाना हुई. इन बिगड़े हालातों के बीच लोगों जल्द से जल्द अपने घर लौटना चाहते हैं. बांग्लादेशी शख्स महमूद ने कहा कि यह हमारी आखिरी यात्रा हो सकती है, क्योंकि हमारा वीजा जल्द ही समाप्त हो जाएगा और भविष्य में नए यात्रा वीजा मिलने की कोई उम्मीद नहीं है.

बढ़ते तनाव के बीच बांग्लादेशी पर्यटक अपने देश वापस लौटने में लगे हैं. क्योंकि उन्हें अब स्थितियां बिल्कुल अनुकूल नहीं लग रही है. इसलिए हमने तीन दिन रुकने के बाद वापस लौटने का फैसला किया. बांग्लादेशी व्यवसायी मोहम्मद मुनीर हुसैन अपनी पत्नी के साथ भारत यात्रा पर आए थे. उन्होंने कहा कि गर्मियों के दौरान, हम दोनों कोलकाता के रास्ते कश्मीर गए थे, हमारे पास एक विशेष यात्रा योजना थी जिसमें सुंदरबन की यात्रा भी शामिल थी. लेकिन घर पर दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम को देखते हुए, हम वापस लौट रहे हैं. सर्दियों में पर्यटन सीजन के दौरान, ढाका और कोलकाता के बीच छह सीधी बसें चलती थीं. लेकिन मौजूदा हालात की वजह से इनमें से आधी बसें ही चल रही है.

इस्कॉन ने सुरक्षित रहने के लिए जारी की ये एडवाइजरी
पड़ोसी देश के हालात को देखते हुए इस्कॉन कोलकाता ने अपने सहयोगियों और अनुयायियों के लिए एडवायजरी जारी की है. इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने कहा कि वह सलाह दे रहे हैं कि वे मंदिरों और घरों के अंदर अपने धर्म का पालन करें, लेकिन बाहर कदम रखते समय अत्यधिक सावधानी बरतें. दास ने कहा, “मैं सलाह दे रहा हूं कि संकट की इस घड़ी में उन्हें खुद को बचाने और संघर्ष से बचने के लिए बहुत सावधान रहना चाहिए. मैंने उन्हें भगवा वस्त्र पहनने और माथे पर तिलक लगाने से बचने का सुझाव दिया है. अगर उन्हें भगवा धागा पहनने की जरूरत महसूस होती है, तो उन्हें इसे इस तरह से पहनना चाहिए कि यह कपड़ों के अंदर छिपा रहे और गर्दन के आसपास दिखाई न दे. अगर संभव हो, तो उन्हें अपने सिर को भी ढकना चाहिए.

Leave A Reply

Your email address will not be published.