बांग्लादेश-भारत तनाव चरम पर, बॉर्डर पर बीटिंग रिट्रीट रोकी गई, शनिवार और रविवार को होता था आयोजन

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भारत का कभी बेहद करीबी पड़ोसी देश बांग्लादेश के साथ रिश्ता बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा है.

शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यक के खिलाफ अत्याचार जारी है. वहीं, देश में लगातार भारत विरोधी कदम उठाए जा रहे हैं. त्रिपुरा में भारत बांग्लादेश सीमा पर आयोजित बीटिंग रिट्रीट को रोका गया. बीटिंग रिट्रीट शनिवार और रविवार को आयाजित होता था. भारत और बांग्लादेश के बीच जारी तनातनी के बीच अगरतला में अखूरा बार्डर में बीटिंग रिट्रीट का आयोजन बंद हुआ.

वहीं, बांग्लादेश में मो यूनुस की सरकार अल्पसंख्यकों और भारत के साथ संबंध बचाने में असफल दिख रहे. बांग्लादेश का राजधानी ढाका में शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों ने भारत के खिलाफ बड़े प्रदर्शन का आयोजन किया. इस प्रदर्शन में मुस्लिम संगठन के नेताओं ने पुलिस सुरक्षा में हुए इस प्रदर्शन में ISIS के झंडे भी लहराए गए. प्रदर्शनकारियो ने बांग्लादेश में भारतीयों पर हमले और उनकी हत्या करने की धमकी दी. बांग्लादेश में लगातार हो रही ऐसी घटनाएं दर्शाती हैं कि कट्टरता पैर पसार रही है.

इधर, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक के खिलाफ अतायचार जारी है. शुक्रवार को श्रीभूमि जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर हिंदू मंदिर में रिनोवेशन को रोक दिया. बांग्लादेश की सेना ने हिंदू मंदिर का रेनोवेशन का कड़ा विरोध किया था. हालांकि, बांग्लादेश की सेना ने इस संबंध में अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकॉल का हवाला दिया था. भारत ने इस संबंध में शांतिपूर्ण हल निकालने पर जोर दिया है.

खबर आ रही है कि बांग्लादेश की सेना ने भारत की सीमा पर पश्चिम बंगाल के पास तुर्की निर्मित ड्रोन तैनात किए हैं. सीमा पर बांग्लादेश की सेना की बढ़ती गतिविधियों को देखते हुए भारतीय सेना ने सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है. भारत ने शेख हसीना की अवामी लीग की सरकार गिरने के बाद बॉर्डर पर आतंकवादी गतिविधियों में वृद्धि के खुफिया रिपोर्ट मिलने के बाद से निगरानी बढ़ाई है.

सूत्रों से पता चला है कि सेना ने सीमा के करीब बेराकटर टीबी2 (Bayraktar TB2) मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) की तैनाती की पुष्टि की है. इन ड्रोनों का संचालन बांग्लादेश की 67वीं सेना खुफिया, निगरानी और टोही मिशनों के लिए करती है. जबकि बांग्लादेश ने दावा किया कि यह तैनाती रक्षा उद्देश्यों के लिए है, भारत ने संवेदनशील क्षेत्र में ऐसे उन्नत ड्रोनों की तैनाती के रणनीतिक महत्व को नजरअंदाज नहीं किया है.

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