स्मॉग, धुआं, प्रदूषण की चपेट में मुंबई, मायानगरी पर छाई धुंध की पतली परत

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देश में बढ़ती ठंड के साथ ही प्रदूषण (Pollution) का कहर भी देखने को मिल रहा है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के साथ मुंबई पर भी प्रदूषण का कहर देखने को मिल रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार- मुंबई शहर के कई हिस्सों में धुंध की एक पतली परत छाई हुई है क्योंकि यहां हवा की गुणवत्ता ‘मध्यम’ श्रेणी में है. मुंबई में नवंबर के आखिरी सप्ताह में भी स्मॉग छाया था. मुंबईकरों की आज सुबह की शुरुआत घने स्मॉग के साथ हुई. जिसका असर विजिबिलिटी पर भी पड़ रहा है. मुंबई के नरीमन पॉइंट और अन्य तटीय इलाके में लोग स्मॉग के बीच ही सुबह की सैर करते हुए दिखे.

मुंबई में क्यों बढ़ रहा है वायु प्रदूषण?
वाहनों से निकलने वाला हानिकारक धुआं और हवा में घुल रही सड़क से उड़ती धूल मुंबई की ज़हरीली हवा की सबसे बड़ी ज़िम्मेदार है, एक अध्ययन में ये बात सामने आयी है. मुंबई में गाड़ियों की संख्या दो दशकों में करीब तीन सौ फ़ीसदी बढ़ी है. इसमें 35% वाहन 15 साल से पुरानी श्रेणी के हैं, जो वाहनों से हुए PM10 उत्सर्जन का 49% उत्सर्जित करते पाए गए हैं.अंतरराष्ट्रीय पत्रिका अर्बन क्लाइमेट में प्रकाशित “मुंबई उत्सर्जन” पर इस नये अध्ययन ने ये साफ़ किया है कि ट्रांसपोर्ट से 19.6%, सड़क से उड़ती धूल 19.4%, इंडस्ट्री 18%, सॉलिड वेस्ट जलाने से 13.8%, निर्माण कार्य 6.3% और स्लम 5.2% हवा प्रदूषित कर रहे हैं.

वायु प्रदूषण पर क्या कहती है लैंसेट की रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोलकाता, शिमला, चेन्नई और वाराणसी समेत देश के 10 शहरों में 2008 से 2019 के बीच स्टडी की गई, जिससे पता चला है कि खराब हवा की वजह से इन शहरों में 33 हजार जानें गईं. स्टडी में ये भी पचा चला है कि देश में वर्तमान एयर क्वालिटी और वायु प्रदूषण का स्तर मानकों से नीचे होने से भी दैनिक मृत्यु दर बढ़ती है. देश के 10 शहरों में हर साल 33 हजार मौतों की वजह वायु प्रदूषण का स्तर हो सकता है, जो WHO के दिशा निर्देशों से ऊपर है.

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