संविधान पर चर्चा के दौरान राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह की बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को लेकर किए गए टिप्पणी पर बुधवार को संसद में जमकर हंगामा देखने को मिला.
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर दिए बयान पर आपत्ति जताते हुए सदन में चर्चा की मांग की. उन्होंने इस संबंध में लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया.
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हमलोगों ने अमित शाह के पूरे बयान को सुना है.गृहमंत्री जी ने बहुत साफ शब्दों में बाबा साहब के प्रति श्रद्धा का भाव व्यक्त किया था. साथ ही उन्होंने बताया कि बाबा साहब के जीते जी कांग्रेस पार्टी ने कैसे उनका अपमान किया. उनके परिनिर्वाण के इतने दिनों के बाद भी उन्हें भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया गया.
कांग्रेस की क्या मांग है?
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने नोटिस में कहा है कि “मैं सदन का ध्यान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 17 दिसंबर, 2024 को सदन में डॉ. बी.आर. अंबेडकर के संबंध में की गई अपमानजनक टिप्पणियों की ओर आकर्षित करना चाहता हूं। ये टिप्पणियां न केवल डॉ. अंबेडकर की विरासत का अपमान करती हैं, बल्कि उन करोड़ों लोगों की भावनाओं को भी आहत करती हैं, जो उन्हें आधुनिक भारत के संस्थापक और सामाजिक न्याय और समानता के प्रतीक के रूप में सम्मान देते हैं.”
गृहमंत्री ने जो आज भरे सदन में बाबासाहेब का अपमान किया है, उससे ये फिर एक बार सिद्ध हो गया है कि ‘‘भाजपा-आरएसएस तिरंगे के खिलाफ थे. उनके पुरखों ने अशोक चक्र का विरोध किया. संघ परिवार के लोग पहले दिन से भारत के संविधान के बजाय मनुस्मृति लागू करना चाहते थे.