महाराष्ट्र के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने गुरुवार शाम 5 बजे से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है.
बेहतर छात्रावास, स्टाइपेंड में बढ़ोतरी और बकाया भुगतान की मांग को लेकर राज्य भर के लगभग 8000 रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे. महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स सेंट्रल हड़ताल की घोषणा की है.
MARD के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत हेल्गे ने कहा कि सेंट्रल एमएआरडी ने रेजिडेंट डॉक्टरों की संकटपूर्ण स्थिति के बावजूद सरकार की बातों पर विश्वास बनाए रखा. अपनी मांगों पर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री को एक चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में उन्होंने लिखा है- “हम सेंट्रल एमएआरडी, राज्य भर के रेजिडेंट डॉक्टरों का प्रतिनिधित्व करते हैं. हम राज्य के रेजीडेंट डॉक्टर से किए गए वादों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं. इससे हम बहुत ही ज्यादा निराश हैं.
स्वास्थ्य मंत्री को भेजी गई चिट्ठी में लिखा गया है कि हमारी कई दलीलों के बाद भी ऐसा लगता है कि सरकार ने हमारी चिंताओं को अनसुना कर दिया है. रेजिडेंट डॉक्टर्स की जायज मांगों के प्रति क्रूर व्यवहार से आहत होकर हमने ये फैसला लिया. महाराष्ट्र में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
हालांकि, एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि हड़ताल के दौरान लोगों को आवश्यक चिकित्सा देखभाल का प्रावधान सुनिश्चित करने के लिए आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी.
चिट्टी में उन्होंने लिखा है, “हमारी मांगों को दो दिनों के भीतर पूरा करने के आश्वासन के बावजूद ऐसा लगता है कि दो हफ्ते के बाद भी इसमें कोई प्रगति नहीं हुई है. हमनें सरकार के बातों पर भरोसा जताया था और पहले भी कई बार अपने हड़ताल को वापस लिया था. संदेह का लाभ हमेशा अथॉरिटी को दिया गया और हमने उन्हें रेजिडेंट डॉक्टरों के वेलफेयर को सुनिश्चित करने के लिए समय पर सही काम करने की जिम्मेदारी सौंपी.”