राजस्थान के जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा के करीब पोखरण रेंज में शनिवार को भारतीय वायुसेना ने अभ्यास ‘वायु शक्ति-2024′ के तहत युद्ध और हमला करने की क्षमताओं का प्रदर्शन किया.
राफेल, एसयू-30 एमकेआई, मिग-29, मिराज-2000, तेजस, सी-17 और सी-130जे सहित भारतीय वायुसेना के 120 से अधिक विमानों ने ‘‘आकाश से वज्रपात” की टैगलाइन को ध्यान में रखते हुए अभ्यास में भाग लिया. लड़ाकू विमानों ने जमीन और हवा में दुश्मन के ठिकानों को निशाना बना नष्ट किया. एक राफेल विमान ने हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल से भी सफलतापूर्वक निशाना साधा.
अभ्यास में परिवहन विमानों द्वारा लड़ाकू सहायता परिचालन का भी प्रदर्शन किया गया, जिसमें सी-17 द्वारा भारी रसद की आपूर्ति और भारतीय वायुसेना के विशिष्ट गरुड़ कमांडो को ले जाने वाले सी-130जे द्वारा हमला शामिल है.
इस कार्यक्रम में अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर ने पहली बार अपनी मारक क्षमता का प्रदर्शन किया, जबकि एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने जमीनी लक्ष्यों पर निशाना साधा. भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर ने सेना के लिए साजो-सामान की त्वरित आपूर्ति का प्रदर्शन किया.
इस कार्यक्रम में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान मुख्य अतिथि थे. रक्षा प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा कि अभ्यास के दौरान दो घंटे में दो वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में लगभग 50 टन आयुध गिराया गया, जो भारतीय वायुसेना की आक्रामक मारक क्षमता और सटीक लक्ष्य साधने की क्षमता का प्रदर्शन करता है.
उन्होंने बताया कि ‘आत्मनिर्भर भारत’ के प्रति भारतीय वायुसेना की प्रतिबद्धता को बरकरार रखते हुए स्वदेशी रूप से विकसित तेजस विमान ने भी अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया और एक हवाई लक्ष्य को नष्ट किया. वायुसेना ने अभ्यास के दौरान लंबी दूरी के ड्रोन का भी प्रदर्शन किया.