दीवाली का त्योहार आने को है लेकिन इससे पहले दिल्ली की आवोहवा लगातार खराब हो रही है. दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण (Delhi Air Pollution) के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
इसमें सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों, बच्चों और बीमारों को हो रही है. सुबह से ही दिल्ली, नोएडा-ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद समेत कई इलाकों में धुएं की चादर देखने को मिलने लगती है. प्रशासन के बड़े-बड़े दावे और वादों के बाद भी हवा की गुणवत्ता सुधर नहीं रहे है. हालांकि, दिल्ली को पिछले कुछ दिनों के मुकाबले थोड़ी राहत जरूर मिली है.
एक हेल्थी बॉडी के लिए 0-50 AQI बेस्ट माना जाता है
दिल्ली का इलाका | AQI @ 6.00AM | कौन सा ‘जहर’ | कितना औसत |
आनंद विहार | 405 | PM2.5 लेवल हाई | 296 |
मुंडका | 314 | PM 2.5 लेवल हाई | 245 |
वजीरपुर | 282 | PM 2.5 लेवल हाई | 263 |
जहांगीरपुरी | 284 | PM 10 लेवल हाई | 284 |
आरके पुरम | – | PM 2.5 लेवल हाई | – |
ओखला | 215 | PM 2.5 लेवल हाई | 202 |
बवाना | 264 | PM 2.5 लेवल हाई | 264 |
विवेक विहार | 255 | PM 2.5 लेवल हाई | 255 |
नरेला | 218 | PM 2.5 लेवल हाई | 218 |
अशोक विहार | 248 | PM 2.5 का लेवल | 248 |
द्वारका | 253 | PM 2.5 लेवल हाई | 253 |
पंजाबी बाग | 300 | PM 2.5 का लेवल हाई | 300 |
रोहिणी | 246 | PM 10 लेवल हाई | 246 |
पराली है दिल्ली एनसीआर की हवा खराब होने का सबसे बड़ा कारण
दिल्ली एनसीआर में हवा की गुणवत्ता खराब होने का सबसे बड़ा कारण पंजाब-हरियाणा समेत पड़ोसी राज्यों में पराली जलाए जाना है. इस मौसम में हर साल पराली जलाए जाने की वजह से दिल्ली की हवा जहरीली हो जाती है. दीवाली में महज 4 दिन बचे हैं लेकिन लवा में घुल रहा जहर दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों को देखा जाए तो साल 2021 से अब तक अक्टूबर में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी हुई है.