अमेरिका की पहली हिंदू महिला सांसद तुलसी गबार्ड ने छोड़ी डेमोक्रेटिक पार्टी, लगाए नस्लवाद के गंभीर आरोप
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार तुलसी गबार्ड ने मंगलवार को डेमोक्रेटिक पार्टी से छोड़ने की घोषणा की है। उन्होंने पार्टी पर देश में हर मुद्दे को नस्लीय बनाने का आरोप लगाया है। गबार्ड ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए गए लगभग 30 मिनट के एक वीडियो में यह घोषणा की है।
डेमोक्रेटिक पार्टी पर लगाए नस्लवाद के आरोप
तुलसी गबार्ड ने डेमोक्रेटिक पार्टी को नस्लवाद का दोषी ठहराते हुए कहा है कि वो अब इस पार्टी की सदस्य नहीं रह सकती हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए वीडियो में उन्होंने कहा है कि, मैं डेमोक्रेटिक पार्टी में नहीं रह सकती, यह पार्टी अब कायरता से प्रेरित है। ये हर मुद्दे को नस्लीय बनाकर हमें बांटते हैं और श्वेत-विरोधी नस्लवाद को भड़काते हैं।
अन्य डेमोक्रेट्स से की साथ देने की अपील
गैबार्ड ने आगे अपने साथी डेमोक्रेट्स को भी उनका साथ देने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि उनके साथियों को भी पार्टी छोड़ देनी चाहिए। हालांकि, उन्होंने अभी तक अपने नए राजनीतिक योजनाओं या रिपब्लिकन पार्टी में शामिल होने के बारे में किसी भी तरह की जानकारी नहीं दी है। तुलसी गबार्ड का जन्म हवाई में हुआ, जहां 21 साल की उम्र उन्होंने हवाई स्टेटहाउस के लिए चुनाव लड़ा। इससे पहले, उनका राजनीति से किसी भी तरह का संबद्ध नहीं थीं। वो पिछले 20 वर्षों से डेमोक्रेट पार्टी के साथ जुड़ी हुई थी।
लोगों के लिए काम करने वाली सरकार में विश्वास
देश में लोगों की बुनियादी स्वतंत्रता को कमतर करने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी की आलोचना करते हुए, गबार्ड ने कहा कि वह एक ऐसी सरकार में विश्वास करती हैं जो लोगों के लिए है, हालांकि, आज की डेमोक्रेटिक पार्टी इन मूल्यों के साथ खड़ी नहीं है। तुलसी गबार्ड अमेरिकी कांग्रेस में राष्ट्रपति पद के लिए खड़ी होने वाली पहली हिंदू सांसद थीं। गबार्ड ने साल 2004 से 2005 तक इराक में युद्ध के दौरान हवाई आर्मी नेशनल गार्ड की फील्ड मेडिकल यूनिट में भी काम किया और साल 2008 से 2009 तक कुवैत में तैनात रहीं।