आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अदालत से कोई राहत नहीं मिली है।
राउज एवेन्यू कोर्ट ने स्वास्थ्य आधार पर सात दिन की अंतरिम जमानत मांगने की उनकी याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है। ट्रायल कोर्ट की विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि वह पांच जून को आदेश सुनाएंगी। ऐसे में केजरीवाल को रविवार को तिहाड़ जेल के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा, क्योंकि लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत एक जून को समाप्त हो गई है।
केजरीवाल को आत्मसमर्पण करना होगा
केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता एन हरिहरन ने अदालत से और पहले फैसला करने का अनुरोध किया। कहा कि पांच जून को आदेश जारी करने से उनकी याचिका निष्फल हो जाएगी। इसकी आवश्यकता केवल कल तक की है, नहीं तो उनके मुवक्किल को आत्मसमर्पण करना होगा। ईडी को ओर से पेश सालिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने याचिका का विरोध किया।
उन्होंने दलील दी कि ट्रायल कोर्ट केजरीवाल की याचिका पर विचार नहीं कर सकता, क्योंकि वह अंतरिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश में संशोधन नहीं कर सकता है। ईडी ने अदालत को इंडी गठबंधन की बैठक का 20 मिनट का एक वीडियो भी दिखाया, जिसमें केजरीवाल मौजूद हैं।
ट्रायल कोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर
केजरीवाल ने याचिका में दावा किया था अचानक वजन कम होना और कीटोन का उच्च स्तर उनके शरीर में किडनी के नुकसान, गंभीर हृदय संबंधी बीमारियों और यहां तक कि कैंसर का संकेत हो सकता है। केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। एक याचिका में नियमित जमानत की मांग की गई है, जबकि दूसरी याचिका में चिकित्सा आधार पर सात दिन की अंतरिम जमानत की मांग की गई है। नियमित जमानत याचिका पर सात जून को सुनवाई होनी है।
गौरतलब है कि केजरीवाल ने 29 मई को सुप्रीम कोर्टमें अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने अवधि बढ़ाने की उनकी याचिका को सूचीबद्ध करने से इन्कार कर दिया था, लेकिन ट्रायल कोर्ट में जाने की छूट दी थी।