दिल्‍ली के जहांगीरपुरी में थमे बुलडोज़र, आज होनी है सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

0 56

दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में पिछले हफ्ते हुई सांप्रदायिक झड़पों के बाद चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रोक दिया गया है.

हालांकि शनिवार को झड़प के केंद्र में रही एक मस्जिद के पास बुलडोज़र ने विभिन्‍न निर्माणों को ध्‍वस्‍त किया. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज भी सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट में दो जजों जस्टिस एल नागेश्‍वर राव और जस्टिस बी आर गवई की बेंच सुनवाई करेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को हिंसा प्रभावित इलाके में बुलडोज़र द्वारा दुकानों और अन्य निर्माणों को तोड़ने के कुछ वक्‍त बाद ही एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कार्रवाई रोकने के आदेश दिए थे. साथ ही कोर्ट ने आज भी तत्‍काल सुनवाई का आदेश दिया है.

हालांकि, कोर्ट के आदेश के बाद भी करीब दो घंटे तक तोड़फोड़ जारी रही. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के मेयर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि आदेश नहीं मिलने तक वे अवैध ढांचों को गिराने का काम जारी रखेंगे.

इलाके में एक मस्जिद के गेट और उसके पास की दुकानों को तोड़ने से तनाव बढ़ गया. वकील दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायत की, जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने निर्देश दिया कि अदालत के आदेश के बारे में अधिकारियों को तुरंत सूचित किया जाए.

इसी दौरान सीपीएम की वरिष्ठ नेता वृंदा करात आदेश की प्रति के साथ मौके पर पहुंचीं. कार्रवाई के रुकने पर उन्‍होंने कहा कि हम जहांगीरपुरी के निवासियों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं.

उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने एक बयान में कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान सड़कों और मार्गों को साफ करने की एक कोशिश थी, जिससे यातायात और पैदल चलने वालों की आवाजाही आसान हो सके. साथ ही बयान में कहा, “सार्वजनिक सड़कों पर इस तरह के अतिक्रमण हटाने के अभियान स्थानीय पुलिस को पूर्व सूचना के साथ एमसीडी अधिनियम, 1957 की धारा 321/322/323/325 के तहत सभी वार्डों/जोनों में नियमित रूप से/बिना नोटिस के किए जाते हैं.”

बुधवार सुबह नौ बुलडोजर इलाके में घुसे और भारी पुलिस बल के साथ दुकानों और अन्य निर्माणों को तोड़ना शुरू कर दिया. अतिक्रमण विरोधी अभियान का आदेश दिल्ली भाजपा प्रमुख आदेश गुप्ता द्वारा महापौर को लिखे जाने के बाद दिया गया, जिसमें उनसे “दंगाइयों” द्वारा अवैध निर्माण की पहचान करने और उन्हें ध्वस्त करने के लिए कहा गया था.

मेयर ने इसे नियमित अभ्‍यास बताया है. हालांकि, आदेश के समय को लेकर के सवाल उठ रहे हैं, खासतौर पर जब यह दिल्‍ली भाजपा अध्‍यक्ष के पत्र के बाद आया है. याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस तरह की कार्रवाई उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसी है, जहां सांप्रदायिक झड़पों के बाद विध्‍वंस के लिए एक समुदाय को लक्ष्‍य बनाया गया.

लोगों का कहना है कि अभियान से पहले कोई नोटिस नहीं दिया गया. नगर निकाय ने कल दो दिवसीय अतिक्रमण विरोधी अभियान के लिए करीब 400 पुलिसकर्मियों की मांग की थी.

जहांगीरपुरी में शनिवार को हुई सांप्रदायिक झड़प के बाद से ही पुलिस मामले पर निगाह बनाए हुए है. शनिवार को हनुमान जयंती का जुलूस निकाला गया था, जिसे एक मस्जिद के पास से निकालने की अनुमति नहीं थी. हालांकि जुलूस मस्जिद के पास से गुजरा था. हिंसा में आठ पुलिसकर्मियों सहित नौ लोग घायल हो गए, इस दौरान दो समूहों ने एक-दूसरे पर पथराव किया और गोलियां भी चलाईं.

Leave A Reply

Your email address will not be published.