रोहिंग्‍या मुस्लिम पर केंद्र सरकार का SC में जवाब, हलफनामे में कहा- इनके रहने से राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव

0 32

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि विदेशियों को सभी मामलों में शरणार्थी के रूप में स्वीकृति नहीं दी जा सकती है। विशेष रूप से तब, जब ऐसे ज्यादातर लोग अवैध रूप से देश में घुसे हैं।

सरकार ने दावा किया कि रोहि‍ंग्याओं के लगातार अवैध तरीके से रहने से राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्र सरकार ने कहा है कि भारत ने 1951 के शरणार्थी समझौते पर या शरणार्थियों की स्थिति से संबंधित प्रोटोकाल, 1967 पर हस्ताक्षर नहीं किया है।

रोहि‍ंग्याओं को रिहा करने की याचिका पर हुई सुनवाई
इस प्रकार किसी भी वर्ग के व्यक्ति को शरणार्थी के रूप में मान्यता दी जानी है या नहीं, यह एक शुद्ध नीतिगत निर्णय है। हलफनामा उस याचिका के संबंध में दाखिल किया गया है, जिसमें केंद्र को उन रोहि‍ंग्याओं को रिहा करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, जिन्हें जेलों या हिरासत केंद्रों या किशोर गृहों में रखा गया है।

इन्हें बिना कोई कारण बताए या विदेशी अधिनियम के प्रविधानों के कथित उल्लंघन के लिए हिरासत में लिया गया है। हलफनामे में कहा गया है कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी और सीमित संसाधनों वाले विकासशील देश के रूप में अपने नागरिकों को प्राथमिकता देना आवश्यक है।

इसलिए विदेशियों को शरणार्थी के रूप में पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया जा सकता है। खासकर ऐसी स्थिति में जब ज्यादातर विदेशियों ने अवैध रूप से देश में प्रवेश किया है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.