कोलेस्ट्रॉल, लीवर से बनने वाला मोम जैसा एक पदार्थ है. ये शरीर में रक्त तथा कोशिकाओं में मौजूद होता है.
शरीर में सेल्स, टिशू और ऑगर्न के साथ हार्मोन, विटामिन डी और बाइल जूस के निर्माण में कोलेस्ट्रॉल अहम भूमिका निभाता है. शरीर में एचडीएल (HDL) नामक गुड कॉलेस्ट्रॉल और एलडीएल (LDL) और ग्लिसराइड नामक बेड कॉलेस्ट्रॉल होते हैं. एलडीएल का बढ़ा हुआ स्तर धमनियों के भीतर फैट के निर्माण का कारण बन सकता है. इससे हृदय में रक्त का प्रवाह कम होने लगता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है.
फाइबर का सेवन बढ़ाकर, सैचुरेटेड फैट को कम करके, पत्तेदार सब्जियों का सेवन अधिक करके, रिफाइंड फूड का इस्तेमाल कम करके और डाइट में ट्रांस फैट को कम करके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित रखा जा सकता है.हाल ही में हुए शोध के अनुसार, शहर के लोगों में लगभग 25-30% और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में लगभग 15-20% कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ा हुआ पाया गया. इसलिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना आवश्यक है. एक्सपर्ट के अनुसार, आइए जानते हैं कि कौन से ऐसे ड्रिंक हैं जो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बनाए रखने में मदद कर सकते हैं.
ग्रीन टी- ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट का बहुत अच्छा सोर्स है. इसमें कैटेचिन और एपिगैलोकैटेचिन गैलेट होते हैं. ग्रीन टी पीने से एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है. इसके अलावा, ब्लैक टी में ग्रीन टी की तुलना में कम कैटेचिन होते हैं.
टमाटर का जूस- टमाटर में लाइकोपीन नामक एंटीऑक्सीडेंट की अच्छी मात्रा होती है. ये सेल्स को क्षति पहुंचने से बचाने में मदद करता है. इसमें नियासिन और कोलेस्ट्रॉल को कम करने वाले फाइबर भी होते हैं. एक अध्ययन से पता चलता है कि 2 महीने तक प्रतिदिन 280 मिलीलीटर टमाटर का जूस पीने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर में काफी सुधार हो सकता है.
सोया मिल्क- सोया मिल्क में सैचुरेटेड फैट का स्तर कम होता है. हाई फैट या फुल क्रीम वाले दूध की जगह पर सोया मिल्क का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम किया जा सकता है. फूड एंड ड्रग एसोसिएशन (FDA) कम सैचुरेटेड फैट फूड और 25 ग्राम सोया प्रोटीन वाली डाइट लेने की सलाह देता है.
ओट मिल्क- ओट मिल्क कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में बहुत कारगर है. इसमें बीटा-ग्लुकन नामक एक पदार्थ होता है जो बाइल सॉल्ट के साथ मिलकर आंतों में एक जेल जैसी परत बनाता है. ये कोलेस्ट्रॉल के एब्सॉर्प्शन को कम करने में मदद करता है. एक कप ओट मिल्क में 1.3 ग्राम बीटा ग्लूकेन होता है. हमेशा ओट ड्रिंक खरीदने से पहले इनके डिब्बों पर बीटा-ग्लूकेन्स के लेबल की जांच जरूर करें.
बेरीज- बेरीज एंटीऑक्सिडेंट का रिच सोर्स है होने का साथ ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रण में रखने में मदद करती हैं. स्ट्रॉबेरी, रास्पबेरी, ब्लूबेरी और ब्लैकबेरी जैसे कई बेरीज एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर से भरपूर हैं. लो फैट मिल्क के साथ बेरीज का शेक बनाकर पीने से ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को काफी कम हद तक कम कर सकते हैं.
कोकोआ- कोकोआ में फ्लेवनॉल नामक एंटीऑक्सीडेंट होता है, जो शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है. कोकोआ डार्क चॉकलेट में पाया जाता है. इसमें हाई लेवल के मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बेहतर बनाने में मदद करते हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, दिन में दो बार 450 मिलीग्राम कोकोआ लेने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम किया जा सकता है. इसके अलावा, प्रोसेस्ड चॉकलेट से परहेज करें क्योंकि इसमें सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है.
अल्कोहल- शराब का सेवन सीमित मात्रा में करने से रक्त में एचडीएल का स्तर बढ़ा सकता है. रेड वाइन में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. अध्ययनों से पता चलता है कि रेड वाइन की सीमित मात्रा न केवल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकती है बल्कि कुछ हृदय रोगों को रोकने में मदद कर सकती है. लेकिन इसकी ज्यादा मात्रा शरीर में बेड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ सकती है. एक महिला के लिए प्रतिदिन 1 ड्रिंक और पुरुष के लिए प्रतिदिन 2 ड्रिंक पीने की सलाह दी जाती है.
फलों और सब्जियों से बनी स्मूदी- केल, कद्दू, खरबूजे और केले से बनी स्मूदी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है. इन सामग्रियों को ओट मिल्क में मिलाकर ये स्मूदी बना सकते हैं.
स्टैनोल और स्टेरोल्स युक्त ड्रिंक- स्टेरोल्स और स्टैनोल कोलेस्ट्रॉल के आकार के समान प्लांट केमिकल होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल के एब्सॉर्प्शन को रोकते हैं. फूड कंपनियां इन केमिकल्स को कई फूड प्रोडक्ट्स और ड्रिंक्स में मिलाती हैं. FDA के अनुसार, 1.3 ग्राम स्टेरोल और 3.4 ग्राम स्टैनोल प्रतिदिन लेने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.