हिलेरी क्लिंटन से डरते थे रूसी राष्ट्रपति: अमेरिकी संसद की पूर्व स्पीकर का दावा, पुतिन के डर का कारण भी बताया

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अमेरिका की पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन से डरते थे। यही कारण है कि उन्होंने 2016 में राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप किया था।

ये दावा अमेरिका में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार नैन्सी पेलोसी ने किया है। कोलंबिया स्कूल ऑफ इंटरनेशनल एंड पब्लिक अफेयर्स (SIPA) में बोलते हुए नैन्सी ने कई दावे किए।

उन्होंने कहा, ‘ये पुतिन का डर ही था कि उन्होंने 2016 चुनाव में अवैध तरीके से हिलेरी के खिलाफ अभियान चलवाया और माहौल बनाया।’ नैन्सी पेलोसी ने कहा, ‘व्लादिमीर पुतिन द्वारा हमारे लोकतंत्र में हस्तक्षेप किया गया क्योंकि हिलेरी क्लिंटन वह व्यक्ति थीं जिनसे उन्हें रूस में लोकतंत्र की कमी के मामले में सबसे अधिक डर था।’

उन्होंने बताया कि 2016 राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने यह पाया था कि व्लादिमीर पुतिन ने हिलेरी क्लिंटन की उम्मीदवारी को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से चुनाव में दखल देने का आदेश दिया था। इसके लिए रूस की तरफ से बड़े पैमाने पर अभियान चलाया गया था।

इस अभियान में ईमेल और दस्तावेज प्राप्त करने के लिए डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी (DNC) सर्वर में साइबर हमले और हैकिंग शामिल थी। हिलेरी क्लिंटन ने पहले पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के अधीन राज्य सचिव के रूप में कार्य किया था। राज्य विभाग में अपने समय के दौरान, हिलेरी क्लिंटन ने 2011 में व्लादिमीर पुतिन के पुन: चुनाव की सार्वजनिक रूप से आलोचना की।

डोनाल्ड ट्रम्प ने 2016 में हिलेरी क्लिंटन को हराया था। उन्होंने 2018 में रूस की ओर से चुनाव में किसी भी हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा था कि उन्हें मेरी बुद्धि के लोगों पर बहुत भरोसा था, लेकिन मैं आपको बताऊंगा कि राष्ट्रपति पुतिन अपने काम में बेहद मजबूत और शक्तिशाली थे। उन्होंने अभी कहा कि यह रूस नहीं है। मैं यह कहूंगा- मुझे ऐसा कोई कारण नजर नहीं आता कि ऐसा क्यों होगा।

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