Pithoragarh में बादल फटा, नेपाल सीमा पर मची तबाही, काली नदी बनी झील, मकान जलमग्न, कई लोग लापता

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मानूसन अपने विदाई वेला में जोरदार बरस रहा है। पहाड़ों पर तेज बारिश हाे रही है। जिससे मुसीबतें खड़ी हो गई हैं।

शुक्रवार की रात भी पहाड़ों पर हुई तेज बारिश ने लोगों को परेशान कर दिया। धारचूला में बादल फटने की भी खबर है। इससे भारत-नेपाल सीमा पर इससे तबाही मच गई है।

काली नदी का बहाव रुका, बन गई झील
धारचूला में शुक्रवार की रात बादल फटने (Cloud burst in Pithoragarh) से भारत और नेपाल सीमा पर ज्यादा मची है। इससे नेपाल में भारी नुकसान हुआ है। पहाड़ों से भारी मात्रा में मलबा गिरा है। इस मलबे ने काली नदी का बहाव रोक दिया है। इससे नदी झील बन गई है । भारत के खोतिला के प्रेमनगर में काली नदी में बनी झील से घर जलमग्न भी हो गए हैं। पुल भी ढह गया है। कुछ लोगों के लापता होने की भी सूचना है। फिलहाल प्रशासन की तरफ से बचाव दल मौके पर पहुंच गया है। हेलीकॉप्टर से फंसे हुए लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है।

चंपावत में वर्षा से जनजीवन अस्त-व्यस्त
चम्पावत जिले के मैदानी इलाकों में भी शुक्रवार की रात जोरदार वर्षा हुई है। वर्षा का यह सिलसिला शनिवार की सुबह तक जारी रहा। बनबसा में वर्षा के चलते शारदा एवं हुड्डी नदी का जल स्तर बढ़ गया है। बाजार एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कई जगह जल भराव हुआ है। टनकपुर में भी आज सुबह पांच बजे से वर्षा कुछ देर क लिए झमाझम वर्षा हुई।

पर्वतीय इलाकों में भी आज सुबह कहीं कहीं गरज चमक के साथ आंशिक बूंदाबांदी हुई। अभी आसमान में बादल छाए हैं और हल्की धूप भी निकल रही है। आपदा नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार चम्पावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग आवागमन के लि के लिए सुचारू बना हुआ है। ग्रामीण सड़कों पर भी वाहन चल रहे हैं।

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