हिमाचल के चंबा में दो जगह बादल फटे, 23 घर और 10 पुल क्षतिग्रस्त

0 77

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के सलूणी उपमंडल के दो गांवों में बादल फटने से भारी तबाही हुई है।

सोमवार को सवेरा होने से पहले करीब 3:00 बजे सरोग गांव में बादल फटा। इसके तीन घंटे बाद सरोग से 40 किलोमीटर दूर कंधवारा गांव में दूसरा बादल फटा। इससे दोनों गांवों में अफरातफरी मच गई। इसी बीच पानी के तेज बहाव की वजह से सरोग के करीब बड़ोगा गांव में एक घर की दीवार गिर गई। इससे 15 वर्षीय युवक की मलबे में दबकर मौत हो गई जबकि युवक के माता-पिता भी चोटिल हुए हैं।

कंधवारा में छह घरों में मलबा भर गया है। प्रभावितों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट किया गया है। बादल फटने से 23 घर, 12 घराट, 10 दुकानें, चार स्कूल भवन, एक बैली ब्रिज सहित 10 पुल, पांच गोशालाएं, एक शौचालय को भारी क्षति पहुंची है। दो कारें, दो पिकअप वाहन, छह बाइकें भी बह गई हैं। 20 भेड़-बकरियां, गाय और बैल पानी के तेज बहाव में बहे हैं। 24 पेयजल परियोजनाएं, 11 बिजली ट्रांसफार्मर भी बंद पड़े हैं। 14 मार्ग बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं।

वहीं, हडसर-भरमौर मार्ग पर पहाड़ी से गिरी चट्टान के कारण वाहन योग्य पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है। इससे मणिमहेश यात्रा पर जाने वाले शिव भक्तों की रफ्तार थम गई है। प्रशासन ने आगामी दो-तीन दिनों तक यात्रा न करने की श्रद्धालुओं से अपील की है।

स्थानीय ग्रामीणों राजीव कुमार, नरेश कुमार, योगराज, प्रकाश चंद, अंबिया राम आदि ने कहा कि अगर यह काम मार्च-अप्रैल में लोक निर्माण विभाग शुरू करवा देता तो इतनी परेशानी लोगों और शिवभक्तों को नहीं उठानी पड़ती। कहा कि जिस स्थान पर पुल का निर्माण करवाया जा रहा है, वह जगह सुरक्षित नहीं है। वर्ष 2018 में मणिमहेश यात्रा के दौरान प्रंघाला नाले पर पुल क्षतिग्रस्त हो गया था।

उस दौरान दावा किया गया कि एक वर्ष में पुल तैयार कर लिया जाएगा लेकिन 2022 की मणिमहेश यात्रा को कुुछ दिन शेष रहने के बाद भी पुल तैयार नहीं हो पाया है। ऐसे में जितना पुल तैयार हुआ था, रविवार हुई बारिश ने फिर से उसे क्षतिग्रस्त कर दिया है।

लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता संजीव महाजन ने बताया कि भारी बारिश के बाद भूस्खलन और चट्टानें गिरने से बैली ब्रिज का काफी हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। उपमंडल अधिकारी असीम सूद ने शिवभक्तों से आगामी तीन दिन तक मौसम खराब रहने के कारण यात्रा न करने का आग्रह किया है।

ब्यास में बाढ़, मनाली-लेह हाईवे का एक हिस्सा बहा, खाली कराए घर-दुकानें
मनाली के वशिष्ठ के पास ब्यास नदी में बाढ़ आने से मनाली-लेह हाईवे का एक हिस्सा बह गया है। बाहंग और वशिष्ठ बिहाल प्रशासन ने खतरे की जद में आए करीब 30 मकानों और दुकानों को खाली करवाया है। भूस्खलन के कारण लाहौल में ग्रांफू-काजा मार्ग यातायात के लिए ठप हो गया है। जिला कुल्लू में सड़कों के बंद होने से बागवान परेशान हैं। सेब को मंडियों में पहुंचाना मुश्किल हो गया है।

चट्टानें खिसकने से छह घंटे अवरुद्ध रहा एनएच
किन्नौर जिले के भावानगर में सुबह चट्टानें खिसकने से हुए भारी भूस्खलन से नेशनल हाईवे करीब छह घंटे अवरुद्ध रहा। इस वजह से सैकड़ों लोगों को भारी परेशानियों से दो चार होना पड़ा। हाईवे अवरुद्ध होने से दोनों ओर वाहनों की कतारें लग रही। गनीमत रही है चट्टान गिरते समय कोई वाहन इसकी चपेट में नहीं आया। सुबह करीब 8:30 बजे जैसे ही चट्टानें गिरना शुरू हुई तो चालकों सावधानी बरतते हुए पहले ही वाहनों को रोक दिया। सूचना मिलते ही एनएच प्राधिकरण की टीम ने मशीनों की सहायता से एनएच-5 को बहाल करने का काम शुरू किया। सुबह से हाईवे बंद होने से कई शिमला और चंडीगढ़ जाने वाले यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ी।

कई क्षेत्रों में बारिश का येलो अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के कई क्षेत्रों में मंगलवार को भी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश में सोमवार शाम तक 46 सड़कों पर वाहनों की आवाजाही ठप रही। 51 बिजली ट्रांसफार्मर और 24 पेयजल परियोजनाएं भी बंद रहीं। प्रदेश में जारी बारिश से अभी तक 64,032 लाख रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।

कहां कितनी बारिश        (मिलीमीटर में)
नयनादेवी                         108
तीसा                                38
नादौन                              33
पालमपुर                          25
कसौली                           16
भरमौर                            15
धर्मशाला                         13
शिमला                            11

Leave A Reply

Your email address will not be published.