कर्नाटक CM पर आज भी बेनतीजा रही कांग्रेस की बैठक, सिद्धारमैया-शिवकुमार को दिल्ली में रहने को कहा

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 की जंग जीतने और प्रचंड बहुमत पाने के बाद कांग्रेस में अब मुख्यमंत्री को लेकर मंथन चल रहा है.

सीएम की रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच कांटे की टक्कर है. सिद्धारमैया (Siddaramaiah) और डीके शिवकुमार (DK Shivakumar) ने सीएम पद और आलाकमान को लेकर बयान भी दिए, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका. अब बुधवार को कर्नाटक के सीएम का ऐलान हो सकता है.

कर्नाटक में 13 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद से अब तक कांग्रेस सिद्धारमैया या शिवकुमार में किसे मुख्यमंत्री बनाया जाए, ये तय नहीं कर पाई है. सीएम के नाम को लेकर कांग्रेस आलाकमान की बैठक मंगलवार को भी बेनतीजा रही. बुधवार को बेंगलुरु में फिर से दिल्ली में मीटिंग होगी. आलाकमान ने सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार को फिलहाल के लिए दिल्ली में रहने के निर्देश दिए हैं.

मंगलवार शाम सीएम पद के दोनों दावेदार डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया ने दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से उनके घर जाकर मुलाकात की. सूत्रों के मुताबिक, दोनों नेता 50-50 फॉमूले से सहमत नहीं हैं. दोनों नेताओं से मुलाकात के बारे में अब खरगे सोनिया गांधी को रिपोर्ट देंगे. राहुल-सोनिया से बात करने के बाद खरगे बुधवार को बेंगलुरु जा सकते हैं.

इस बीच मल्लिकार्जुन खरगे से मीटिंग के बाद डीके शिवकुमार ने कहा, “अगर मुझे मुख्यमंत्री पद नही मिलता, तो मैं साधारण विधायक के तौर पर काम करने को तैयार हूं. जब से सिद्धारमैया पार्टी में आए हैं वह हमेशा पावर में रहे हैं. या तो एलओपी (लीडर ऑफ अपोजिशन) के तौर पर या फिर मुख्यमंत्री के तौर पर. मैं पार्टी के फैसले का इंतजार करूंगा.”

इससे पहले शिवकुमार ने कहा, ‘एक मां अपने बच्चे को सब कुछ देती है. सोनिया गांधी हमारी आदर्श हैं. कांग्रेस हर किसी के लिए परिवार की तरह है. हमारा संविधान बेहद महत्वपूर्ण है. हमें सभी के हितों की रक्षा करनी है. लोकसभा में 20 सीट जीतना हमारा अगला लक्ष्य है.’

इस बीच राहुल गांधी दोपहर 12.30 बजे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मिलने उनके आवास पर पहुंचे. मंगलवार सुबह पार्टी के नवनिर्वाचित विधायक भी कांग्रेस अध्यक्ष से मिले. इनके बीच क्या बात हुई, यह सामने नहीं आई है.

रिपोर्ट को मुताबिक, मीटिंग में सरकार बनाने के 3 फॉर्मूले पर चर्चा हुई है. अब देखना है कि कर्नाटक में कांग्रेस किस फॉर्मूले पर आगे बढ़ेगी. क्या ढाई-ढाई साल के सीएम का फॉर्मूला होगा या कर्नाटक को एक सीएम और एक डिप्टी सीएम मिलेगा. या सभी समुदायों को बैंलेस करने के लिए तीसरे फॉर्मूले पर पार्टी काम करेगी.

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने पार्टी के तीनों पर्यवेक्षकों के साथ सोमवार को गहन मंत्रणा की थी, लेकिन कोई फैसला नहीं हो सका था. खरगे ने कर्नाटक में कांग्रेस विधायक दल का नेता चुनने के लिए वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे, जितेंद्र सिंह और दीपक बाबरिया को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था.

कर्नाटक के तुमकुरु में कांग्रेस नेता जी परमेश्वर के समर्थकों ने उनके लिए मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर धरना दिया. वहीं, कर्नाटक के नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि ऑब्जर्वर्स की रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस अध्यक्ष फैसला लेंगे. इसमें कोई देरी नहीं होगी. हम प्रक्रिया को फॉलो कर रहे हैं.

इस बीच अखिल भारतीय वीरशैव महासभा ने कांग्रेस अध्यक्ष को लिखकर मांग की है कि लिंगायत समुदाय के किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाए. इस चुनाव में लिंगायत समुदाय के वोट बीजेपी से कांग्रेस को शिफ्ट हो गया है.

कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 135 सीटों के साथ जोरदार जीत हासिल की, जबकि बीजेपी को 66 और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के नेतृत्व वाले जनता दल (सेक्युलर) को 19 सीटें मिली हैं.

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