सस्ता हो गया कुकिंग ऑयल, इस बड़ी कंपनी ने 30 रुपये तक घटाए खाद्य तेल के दाम

अडाणी विल्मर ने बताया कि नए एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) के साथ खाद्य तेलों का ताजा स्टॉक जल्द ही बाजार में आएगा. कंपनी, फॉर्च्यून ब्रांड के तहत खाद्य तेलों की बिक्री करती है और उसकी बाजार हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत की है.

0 95

अडाणी विल्मर ने सोमवार को खाद्य तेलों के दाम में 30 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती करने की घोषणा की है.

खाद्य तेल कीमतों में आई वैश्विक गिरावट के बीच यह कंपनी ने एक महीने में दूसरी बार दाम घटाए हैं. अहमदाबाद की कंपनी ने कहा कि नए एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) के साथ खाद्य तेलों का ताजा स्टॉक जल्द ही बाजार में आएगा.

कंपनी, फॉर्च्यून ब्रांड के तहत खाद्य तेलों की बिक्री करती है और उसकी बाजार हिस्सेदारी लगभग 20 प्रतिशत की है. अडाणी विल्मर के अनुसार, सोयाबीन तेल में सबसे अधिक कटौती की गई है और इसका दाम 195 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 165 रुपये प्रति लीटर किया गया है, जबकि सबसे कम कटौती सरसों तेल में की गई है, जिसकी कीमत 195 रुपये से घटाकर 190 रुपये प्रति लीटर की गई है.

खाद्य मंत्रालय ने दिया था निर्देश

एमआरपी में कमी केंद्रीय खाद्य मंत्रालय के एक निर्देश के बाद हुई है. मंत्रालय ने छह जुलाई को खाद्य तेल कंपनियों से वैश्विक खाद्य तेलों की कीमतों में आई गिरावट का लाभ उपभोक्ताओं को देने के लिए कहा था. प्रमुख दूध आपूर्तिकर्ता मदर डेयरी, जो धारा ब्रांड के तहत खाद्य तेल बेचती है, ने सोयाबीन और चावल भूसी तेल में 14 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की थी.

सोमवार को अडाणी विल्मर – जो अडाणी समूह और सिंगापुर के विल्मर समूह के बीच एक संयुक्त उद्यम है – ने खाद्य तेलों के एमआरपी को 30 रुपये प्रति लीटर तक कम करने की घोषणा की. इससे पूर्व 18 जून को कंपनी ने कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी.

अडाणी विल्मर के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अंगशु मलिक ने कहा, ‘‘उपभोक्ताओं को महीने के अंत से राहत मिलेगी क्योंकि नए एमआरपी के साथ ताजा स्टॉक जल्द ही बाजार में पहुंच जाएगा.”

उन्होंने कहा कि खाद्य तेलों को एमआरपी से नीचे बेचे जाने के बाद उपभोक्ताओं को रिफाइंड सोयाबीन तेल लगभग 155 रुपये प्रति लीटर के भाव मिलेगा. इसी तरह अन्य खाद्य तेलों का वास्तविक बिक्री मूल्य एमआरपी से थोड़ा कम होगा.

क्या होगी पैक्ड तेलों की नई कीमत?

सूरजमुखी तेल की कीमत 210 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 199 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है, जबकि फॉर्च्यून राइस ब्रान (चावल भूसी) तेल की कीमत 225 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 210 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है.

कंपनी के मुताबिक, मूंगफली तेल की कीमत 220 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 210 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है. राग ब्रांड के तहत वनस्पति की कीमत 200 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 185 रुपये प्रति लीटर और राग पामोलिन तेल की कीमत 170 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 144 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है.

मलिक ने कहा, ‘‘हमने एमआरपी में दो बड़ी कटौती की है, पहली बार जून में और दूसरी अब की गई है. वैश्विक खाद्य तेल की कीमतों में पिछले दो महीनों में कमी आई है और हमने इसका लाभ उपभोक्ताओं को दिया है.” उन्होंने कहा कि एमआरपी में कमी से निश्चित तौर पर आगामी त्योहारी सत्र की मांग बढ़ेगी.

खाद्य तेलों के अलावा, अडाणी विल्मर चावल, आटा, चीनी, बेसन, रेडी-टू-कुक खिचड़ी और सोया चंक्स जैसे खाद्य पदार्थ बेचती है. कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष में लगभग 54,000 करोड़ रुपये का कारोबार किया था जो इससे पिछले वर्ष की तुलना में 46 प्रतिशत अधिक है.

भारत खाद्य तेलों की अपनी घरेलू जरूरत का 60 प्रतिशत भाग आयात से पूरा करता है. भारत ने 2020-21 के दौरान अक्टूबर तक लगभग 1.3 करोड़ टन खाद्य तेल का आयात किया.

Leave A Reply

Your email address will not be published.