पुलिस के साइबर विंग ने इंटरनेट मीडिया पर जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में आतंकी हिंसा और आतंकियों का महिमामंडन कर स्थानीय युवाओं को आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए उकसा रहे आठ साइबर जिहादियों को सोमवार पकड़ लिया। इनमें चार नाबालिग हैं।
आंतकवाद के समूल नाश के लिए चलाया जा रहा अभियान
बता दें कि पुलिस ने आतंकवाद और अलगाववाद के समूल नाश के लिए व्यापक अभियान चला रखा है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि साइबर विंग ने एक्स, फेसबुक, इंस्टाग्राम समेत इंटरनेट मीडिया के विभिन्न मंचों पर सक्रिय राष्ट्र विरोधी तत्वों को चिन्हित करने की कार्रवाई के तहत आठ साइबर जिहादियों का पता लगाया।
सभी कश्मीर (Kashmir News) के विभिन्न भागों के रहने वाले हैं। साइबर विंग ने इनकी सही पहचान का पता लगाने के साथ इनके खिलाफ साक्ष्य जुटाकर गिरफ्तार कर लिया। इनमें चार की पहचान सज्जाद अहमद लोन निवासी कुलगाम, जुहैब जहूर निवासी श्रीनगर, अबरार मुश्ताक निवासी श्रीनगर और फरहाद रसूल, निवासी श्रीनगर के रूप में हुई है।
8 में से चार नाबालिग
चारों के खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकि अधिनियम और गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है। इनसे मोबाइल फोन व लैपटॉप जब्त किए हैं। कई आपत्तिजनक जानकारियां मिली हैं। आठ में से चार नाबालिग हैं। उन्हें काउंसलिंग के बाद उन्हें माता-पिता को सौंप दिया है, लेकिन वह कड़ी निगरानी में रहेंगे।
हुर्रियत के एक नेता और तीन कार्यकर्ताओं के घर खंगाले
वहीं, एक दूसरे खबर की बात करें तो पुलिस ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के एक नेता सहित तीन कार्यकर्ताओं के घरों को भी खंगाला। कुछ डिजिटल उपकरण, अलगाववादी साहित्य भी जब्त किया है, लेकिन अधिकारिक तौर पर जब्ती की पुष्टि नहीं हो पाई है। अधिकारियों ने बताया कि शोपियां के कुंडलन में गुलाम नबी पर्रे के मकान की तलाशी ली है।
वह हुर्रियत के कट्टरपंथी गुट जिसकी अगुआई सैयद अली शाह गिलानी करते रहे हैं, का एक वरिष्ठ सदस्य है। उसके खिलाफ बीते वर्ष गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम के तहत मामले दर्ज किए गए थे।
उन्हीं मामलों की जांच के सिलसिले में उसके घर की तलाशी ली है। पुलवामा जिले के नौपोरा पायीन, लिततर, गलबुग और काकापोरा में संदिग्ध ओजीडब्ल्यू और हुर्रियत के तीन कार्यकर्ताओं के घरों और परिसरों की तलाशी ली गई।